एमपी में विधायकों को मिलेगा दोगुना कर्ज
MP News: मध्यप्रदेश में 'माननीयों' के लिये अब जल्द नया प्रावधान लागू होने वाला है. दरअसल विधायकों को घर और गाड़ी खरीदने के लिए दोगुना कर्ज मिलेगा लेकिन कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों की ओर से इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि हमने कभी लोन की बात नही की. वहीं बीजेपी विधायक दिनेश राय मुनमुन ने कहा कि जनता के हित में ज्यादा निर्णय होना चाहिए ना कि विधायकों के हित में.
मध्य प्रदेश विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति के भेजे गए प्रस्ताव पर हाल ही में वित्त विभाग ने कुछ संशोधन कराए हैं. संशोधन के बाद संसदीय कार्य विभाग ने फाइल विधानसभा को भेज दी है अब नया प्रस्ताव विधानसभा सचिवालय से संसदीय कार्य विभाग को भेजा जाएगा जहां से कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा.
नए प्रावधान में क्या है?
नए प्रावधान के बाद विधायकों को घर खरीदने के लिए 25 की जगह 50 लाख रुपए तक कर्ज मिल सकेगा. जबकि गाड़ी खरीदने के लिए 15 की जगह 30 लाख रुपए मिलेंगे. प्रस्ताव यह भी है कि विधायकों को 15 और 25 लाख रुपये तक कर्ज लेने पर सिर्फ 4% ब्याज देना होगा. अधिकतम कर्ज पर अनुदान 2% तक मिलेगा, बाकी ब्याज विधायक को खुद भरना होगा.
जबकि सामान्य लोगों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से होम लोन लेने पर 9% से अधिक तक ब्याज दर देना पड़ता है. वहीं ऑटो लोन लेने पर 9.20% से 10.15% तक ब्याज़ दर का प्रावधान है. ये ब्याज दर SBI के आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं.
गौरतलब है कि विधायकों को पहले से कई सुविधाएं दी जाती हैं. मध्यप्रदेश के विधायकों को वेतन और भत्ता मिलाकर 1 लाख रुपए से ज्यादा दिये जाते हैं. इसके साथ ही प्रदेश में असीमित मुफ्त यात्रा और 10 हज़ार किलोमीटर हवाई यात्रा फ्री होती है.
कांग्रेस-बीजेपी के विधायकों ने क्या कहा?
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, “:हमने कभी लोन की बात नही की. हमने यह मांग की है कि विकास के लिए जितने पैसे भाजपा विधायकों को दिए जा रहे हो तो उतने ही पैसे कांग्रेस विधायकों को दिए जाएं. सभी 230 विधायकों को 5 करोड़ विकास के लिए दिये जाएं.”
कांग्रेस विधायक विवेक पटेल विक्की ने कहा कि हमने विधायक निधि बढ़ाने की मांग की थी कर्ज की मांग हमने की ही नहीं रही.
वहीं बीजेपी विधायक दिनेश राय मुनमुन ने कहा कि जिन विधायकों को वास्तव में आवश्यकता है उन्हें दिया जाए. उन्होंने कहा, “मेरे पास सब कुछ है मुझे आवश्यकता नहीं है. जनता के हित में ज्यादा निर्णय होना चाहिए ना कि विधायकों के हित में हो. हम लोग जनता के नौकर हैं, सेवक हैं. विधायकों को ज्यादा सुविधा नहीं दी जाए. इस तरह की सुविधा देना उचित नहीं है.”
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