Wash on Wheels: आत्मनिर्भर की ओर बढ़ते कदम, स्वच्छता की नई पहल, ऐसी है सफाई की चाह और राह

Chhindwara Model: "स्वच्छता साथी" जैसी पहल उन जैसे युवाओं को न केवल रोजगार देती है, बल्कि उन्हें स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक भी बनाती है. यह पहल स्वच्छ भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो स्वच्छता, शुचिता, रोजगार और आत्मनिर्भरता को एक सूत्र में जोड़ते हुए एक नायाब नजीर पेश करती है.

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Wash on Wheels: मन चंगा तो कठौती में गंगा. स्वच्छता एक शैली नहीं, बल्कि एक संस्कार है, इसी राह पर चलते हुए ग्राम पंचायतों और व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों की सफाई के अभाव से पैदा होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने एक नई पहल "स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्हील्स" (WoW) की शुरुआत की है. "वॉश ऑन व्हील्स" सेवा (Wash on Wheels) एक आधुनिक उपकरणों और सुरक्षा गियर का उपयोग करते हुए सफाई मित्रों द्वारा संस्थागत और घरेलू शौचालयों की सफाई की पहल है. यह न केवल स्वच्छता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्वच्छता साथियों के लिए सुरक्षित और उत्पादक आजीविका का माध्यम भी बन रही है. यह सेवा ग्राम पंचायतों के सामुदायिक शौचालय, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्र, और हॉस्टल जैसी जगहों पर नियमित सफाई सुनिश्चित करती है. स्वच्छ भारत मिशन 2.0 (Swachh Bharat Mission 2.0) के तहत घरेलू शौचालयों की सफाई को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.

स्वच्छता की दिशा में प्रभावी कदम

वॉश ऑन व्हील्स सेवा स्वच्छता के क्षेत्र में एक अभिनव और प्रभावी कदम है. यह न केवल स्वच्छता को बढ़ावा दे रही है बल्कि स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. छिंदवाड़ा का यह मॉडल पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है.

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छिंदवाड़ा जिले के सभी 11 ब्लॉकों में 10-10 पंचायतों के सेवा क्लस्टर बनाए गए हैं. वर्तमान में 11 सेवा क्लस्टर संचालन में हैं. सफाई मित्रों को प्रशिक्षित कर, रूट चार्ट और अनुबंध निर्धारित किए गए हैं. सफाई कार्य के लिए आधुनिक उपकरण जैसे बैटरी और बिजली से चलने वाली वॉशिंग मशीनें, यूनिफॉर्म, दस्ताने, मास्क, हेलमेट, और अन्य सुरक्षा गियर प्रदान किए गए हैं.

सफाई और कमाई

प्रति शौचालय इकाई के लिए 0-5 किमी दूरी पर 200 रूपये और 5 किमी से अधिक दूरी पर 250 रूपये का शुल्क निर्धारित किया गया है. स्वच्छता साथियों की मासिक आय 25 से 30 हजार तक हो रही है, जिसमें ईंधन और सामग्री की लागत 3 से 3 हजार 500 रूपये है.

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इस सेवा का शुभारंभ गत 26 सितंबर 2024 को राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा किया गया था. इसका उद्देश्य शौचालयों की सफाई के लिए एक संगठित और स्वच्छ दृष्टिकोण स्थापित करना और बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है.

सुविधा की निगरानी और विस्तार

ग्राम पंचायत स्तर पर सचिव और अन्य अधिकारी, जबकि ब्लॉक स्तर पर सीईओ और संबंधित अधिकारी सेवा की निगरानी कर रहे हैं. भविष्य में सेवा का विस्तार करते हुए नए क्लस्टर और स्वच्छता साथियों को जोड़ा जाएगा और ऑनलइन व ऑफलाइन बुकिंग सुविधाओं को सशक्त बनाया जाएगा. साथ ही क्यूआर कोड प्रणाली और मोबाइल एप्लीकेशन का विकास भी किया जाएगा.

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स्वच्छता के साथी

इस सेवा में स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने वाले इच्छुक युवाओं को जोड़ा जाता है. इन्हें स्वच्छता साथी कहा जाता है. इस सेवा अवधारणा में जिला पंचायत छिन्दवाड़ा द्वारा स्वच्छता साथियों को आवागमन के लिये दो पहिया वाहन दिया जाता है. साथ ही आधुनिक सफाई उपकरण एवं व्यक्तिगत सुरक्षा किट भी दी जाती है, ताकि साफ-सफाई के दौरान उनका स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहे.

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