Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) में कांस्य पदक जीतने की खुशी है लेकिन बहन को किया गोल़्ड मेडल (Gold Medal) का वादा नहीं निभा पाने का मलाल भी है. जी हां मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रहने वाले विवेक सागर (Vivek Sagar) ने भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2 -1 से हराकर बेहतरीन जीत दर्ज करते हुए कांस्य पदक जीतने पर खुशी मनाई लेकिन ये भी बताया कि उन्हें इस रक्षाबंधन बहन से किया हुआ वादा पूरा नहीं करने का मलाल रहेगा. विवेक सागर प्रसाद भारतीय ओलंपिक विजेता हॉकी टीम के सदस्य रहे हैं.
विवेक सागर ने बताया कि बहन पूजा प्रसाद ने ओलंपिक में रवाना होने से पहले भाई को घर से तिलक लगाकर रवाना किया था और वादा लिया था, कि रक्षाबंधन का तोहफा गोल्ड मेडल के रूप में मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिसका उन्हें मलाल रहेगा.
अगली बार रहेगा गोल्ड पर निशाना
एनडीटीवी से फोन पर बात करते हुए विवेक ने कहा कि बहन का सपना इस बार के रक्षाबंधन पर पूरा नहीं कर पाया जिसको लेकर अफसोस है, लेकिन अगले रक्षाबंधन के तोहफे के रूप में गोल्ड मेडल जरूर दूंगा. सारे खिलाड़ियों ने मैच को जीतने में अपनी जान लगा दी थी, लेकिन परिणाम हमारे विपरीत रहे. पूरा टूर्नामेंट श्रीजेश को समर्पित रहा. हम खाली हाथ नहीं लौट रहे हैं अब मेडल लेकर लौट रहे हैं. हर बार टूर्नामेंट कुछ नए अनुभव देकर जाता है इस बार का ओलंपिक भी नए अनुभव से भरा रहा.
मध्य प्रदेश के इटारसी के हैं विवेक सागर
विवेक सागर मध्य प्रदेश इटारसी के ग्राम चानदोन रहने वाले हैं.उनका यह टोक्यो के बाद पेरिस दूसरा ओलंपिक था. जिसमे विवेक विजेता टीम का हिस्सा रहे है, अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन किया. मध्य प्रदेश की हॉकी की नर्सरी कहीं जाने वाले इटारसी में लंबे अरसे तक विवेक हॉकी ट्रेनिंग कैंपों का हिस्सा रहे हैं और अपने गांव में उन्होंने लंबा वक्त तक प्रैक्टिस की है.
गांव में मना देर रात तक जश्न
विवेक की बहन पूजा प्रसाद भले ही थोड़ी सी मायूस हो रक्षाबंधन के गिफ्ट का कलर नहीं बदल पाया. पूरा परिवार जश्न में डूबा हुआ है. जैसे ही कल टीम इंडिया ने स्पेन को हराया वैसे ही, गांव में देर रात तक लोग ढोल की थाप पर थिरकते नजर आए.
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