
Vijay Shah News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीजेपी (BJP) का प्रशिक्षण वर्ग पचमढ़ी (Pachmarhi) में चल रहा है. दरअसल, पचमढ़ी मध्य प्रदेश का मिनी मसूरी है. आबोहवा ऐसी कि लोग यहां आंतरिक शुद्धि के लिए आते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी आते हैं, जिनके लिए संयम एक ‘बोरिंग विषय' है और जवाबी बयानबाज़ी, एक 'हॉबी क्लास' है.
बीजेपी के प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन का विषय था ‘वाणी पर संयम', लेकिन कुछ नेताजी इतने भावुक हो गए कि संयम की जगह संवाददाता का हाथ पकड़ लिया. अब समझ नहीं आ रहा है कि ऐसे में ये राजनीतिक प्रशिक्षण चल रहा है, या कुश्ती की वॉर्मअप क्लास? पढ़िए, हमारे संवाददाता आकाश द्विवेदी की खास रिपोर्ट.
सवाल सुनते ही मंत्री ने झटक दिया माइक
पचमढ़ी की पहाड़ियों में बीजेपी का प्रशिक्षण शिविर चल रहा था. ऊपर पेड़ झूम रहे थे, नीचे नेता गूंज रहे थे. इन दोनों के बीच में NDTV का एक सवाल था, जो सीधे संयम पर केंद्रित था. यह सवाल कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देकर देश की सर्वोच्च अदालत से फटकार और एसआईटी जांच में घिरे मंत्री विजय शाह से था. सवाल बस इतना था कि ‘मंत्रीजी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की संयम वाली नसीहत सुनी? सवाल सुनते ही ऐसा लगा मानो मंत्रीजी का संयम वहीं गिर पड़ा. उन्होंने अपना आपा खोते हुए NDTV रिपोर्टर का हाथ पकड़कर झटक दिया. इसे देखकर ऐसा लगा, जैसे मंत्रीजी पर संयम वाली नसीहत का कोई असर नहीं हुआ. प्रशिक्षण का पहला पाठ था – वाणी पर संयम, लेकिन यहां तो हाथ से उत्तर देने की परंपरा शुरू हो गई. लोकतंत्र में संवाद की जगह अगर झटका देने लगे, तो इससे यही समझ में आता है कि नेताजी प्रशिक्षण लेने नहीं, प्रशिक्षण देने आए थे.
मंत्री पर नहीं दिखा अमित शाह के बयान का असर
पचमढ़ी में चल रहे बीजेपी के प्रशिक्षण वर्ग में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंच से साफ कहा कि गलत बयानबाज़ी मत कीजिए. गलती हो सकती है, पर उसकी पुनरावृत्ति मत कीजिए. इसकी पुष्टि कैबिनेट मंत्री करण सिंह वर्मा ने भी की. लेकिन, ऐसा लगता है कि सेना की महिला अफसर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर पार्टी का छीछालेदर कराने वाले मंत्रीजी विजय शाह ज्ञान लेने नहीं, गुस्सा देने आए थे.
इस मामूली सवाल से झल्लाए मंत्रीजी
दरअसल, एनडीटीवी संवाददाता ने बस ये सवाल पूछ लिया कि आपने यह पाठ सुना या नहीं? मंत्रीजी ने जवाब दिया,‘हां, पाठ तो सुना... और अब तुझे पाठ पढ़ाता हूं. इसके बाद उन्हें ऐसा एक झटका दिया कि पचमढ़ी की हवा तक कांप गई.
बीजेपी विधायक पर प्रशिक्षण का असर
इस प्रशिक्षण में शामिल हुए भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण इसीलिए होता है कि हम एक अच्छे प्रतिनिधि के तौर पर जनता के सामने अपने आप को प्रस्तुत कर सकें. लिहाजा, वाणी का संयम बहुत जरूरी है. हम राजनीतिक क्षेत्र में हम काम करते हैं, तो हमारे बयानों को लाखों करोड़ों लोग देखते हैं. इसलिए हमें वाणी पर संयम रखना चाहिए. प्रशिक्षण हम सब के लिए बहुत कारगर है. हमें आने वाले समय में और नैतिक शिक्षाएं मिलेंगी, जिससे काम में सुधार आएगा. उनके इस बयान से साफ है कि अच्छा जनप्रतिनिधि बनने के लिए जरूरी है कि सवाल पूछने पर हाथ नहीं, जवाब निकले. पर यहां तो कुछ नेता मानते हैं,‘जो बोले, उसे बोलने मत दो और जो पूछे, उसका माइक छीन लो. इस प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि जो विद्यार्थी बना रहता है, उसका प्रगति मार्ग अवरुद्ध नहीं होता. वहीं, कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध और अनुशासित रहना चाहिए.
सुधार की कोई सीमा नहीं होती:अर्चना चिटनिस
बीजेपी विधायक अर्चना चिटनिस ने कहा कि इस तरह का प्रशिक्षण वर्ग बीजेपी के लिए नया नहीं है. किसी भी व्यक्ति की कार्यशैली को और भी बेहतर करने के लिए है. इंप्रूवमेंट की कोई सीमा नहीं होती है. काम करते-करते कई बार अच्छे बुरे अनुभव होते हैं. भाजपा अपने प्रतिनिधियों को हमेशा तरोताजा रखने के लिए प्रशिक्षण देती है. हम आईडियोलॉजी और टेक्नोलॉजी की बात करते हैं.
यह भी पढ़ें- Corona in MP: जबलपुर में फिर जानलेवा बना कोरोना, COVID पॉजिटिव गर्भवती महिला की मौत से हड़कंप
भाजपा के नेता भले बातें अच्छी-अच्छी कर रहे हो, लेकिन मंत्री शाह की हरकत देखने के बाद तो यही लगता है कि यहां ‘अनुशासन' कुछ ऐसा हो गया है, जैसे गाड़ी की सीट बेल्ट – सामने कैमरा दिखे, तब ही पहनो. बीजेपी के बड़े नेता ‘विजय' नहीं ‘शिक्षा' की बात कर रहे थे. लेकिन विजय शाह समझ बैठे कि शिक्षा भी एक विपक्षी नेता है, जिसका विरोध जरूरी है.
यह भी पढ़ें- Kanha Tiger Reserve बाघों का सर्वश्रेष्ठ आवास क्षेत्र घोषित, इस रिपोर्ट में किया गया दावा; सीएम ने दी बधाई