MP में 1500 रुपए की रिश्वत लेकर बुरी तरह फंसा प्रधान आरक्षक, कोर्ट ने भेजा इतने सालों के लिए सलाखों के पीछे 

MP News: मध्य प्रदेश के विदिशा में रिश्वत लेने वाले एक प्रधान आरक्षक को कोर्ट ने 4 सालों के लिए जेल भेज दिया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला? 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के विदिशा में रिश्वत लेना प्रधान आरक्षक को भारी पड़ गया. प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश मनोज राठी ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए 4 सालों के लिए जेल भेज दिया है. मामला 9 सितंबर 2021 का है.  

ये है पूरा मामला 

9 सितंबर 2021 प्रान सिंह प्रजापति मंडीबामोरा निवासी ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई. प्रान सिंह प्रजापति ने अपने बयानों में बताया वो एक पंचर की दुकान का व्यवसाय करता है. सन 2021 में वो अपनी दुकान बंद करके हर रोज की तरह अपने घर जा रहा था, तब उसी के गांव के व्यक्ति गोरी शंकर गोस्वामी से उसका विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि गोस्वामी ने उस पर जान लेवा हमला करने की कोशिश की. प्रान सिंह प्रजापति ने इसकी रिपोर्ट अपने स्थानीय थाने में दर्ज कराई.

पहले तो काफी मशक्कतों बाद रिपोर्ट दर्ज की गई फिर लगातार कुरवाई पदस्थ आरक्षक द्वारा राजीनामें का दबाव बनाया गया. जब राजीनामें को तैयार नहीं हुआ तो रिपोर्ट विवेचना में लेकर प्रधान आरक्षक ने जांच शुरू की.

ये भी पढ़ें मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन हंगामे के आसार, फिर गरमा सकता है ये मामला

2500 रुपये की मांगी थी रिश्वत

कुरवाई के प्रधान आरक्षक खुशी लाल अहिरवार ने कार्यवाही के लिए 2500 रूपये की रिश्वत मांगी. जब देने से मना किया तो कई तरह का दबाव बनाने की कोशिश की गई. परेशान होकर 2500 रुपये में से 1500 रूपये पर आरक्षक पैसा लेने को तैयार हुआ. जिसकी शिकायत फरियादी द्वारा लोकायुक्त में की गई. लोकायुक्त की टीम द्वारा आरक्षक को 1500 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. जांच में यह पाया गया कि आरक्षक द्वारा दबाव बनाकर रिश्वत मांगी जा रही थी. मामला प्रथम अतिरिक्त जिला न्यायालय में पहुंचा. तीन साल पहले के मामले की मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रधान आरक्षक को चार साल की जेल की सजा सुनाई. कोर्ट के इस फैसले के बाद प्रान सिंह ने कहा अब उसे इंसाफ मिला है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें MP budget 2024 : बजट पेश करने के बाद CM की बड़ी प्रतिक्रिया, बोले- वित्तीय इतिहास का सबसे बड़ा बजट है 


 

Topics mentioned in this article