Train Accident: सेफ्टी जांच के दौरान इंजन से टकराकर CLI की मौत, मामले ने खड़ा किया बड़ा बवाल!

Satna Train Accident: चीफ लोको इंस्पेक्टर की इंजन की टक्कर से मौत के बाद आक्रोशित कर्मचारियों ने सीईएलएफ सहित परख एक्सप्रेस का रास्ता रोक दिया. इनका आरोप है कि दबाव देकर निरीक्षण कराई जा रही है. आइए आपको पूरे मामले के बारे में बताते हैं.

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Satna Train Accident: सीएलआई की मौत के बाद रेल कर्मियों ने किया जमकर हंगामा

CLI Train Accident: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना (Satna) जिले से बड़ा मामला सामने आया. यहां रेलवे की सुरक्षा और संरक्षा की जांच करने पहुंची परख स्पेशल एक्सप्रेस (Testing Special Train) के साथ मझगवां स्टेशन (Majhgawan Station) का जायजा ले रहे CLI (Chief Loco Inspector) की गोंदिया बरौनी के इंजन से टकराने से मौत हो गई. इसके बाद वहां बवाल हो गया. जैसे ही अधिकारियों को इस घटना के बारे में जानकारी हुई, वे दबे पांव यहां से निकलने की कोशिश में जुट गए. तभी आक्रोशित कर्मचारियों ने स्पेशल ट्रेन का रास्ता रोककर अधिकारियों को घेर लिया. आलम यह था कि अधिकारियों को अपनी सुरक्षा के लिए RPF (Railway Protection Force) बुलानी पड़ी. 

सीएलआई की मौत के बाद हंगामा

20 मीटर हवा में उछला शव

सतना में चीफ लोको इंस्पेक्टर पद पर पदस्थ जीतेन्द्र नाथ शुक्ला मझगवां स्टेशन में ट्रेन चालकों की काउंसलिंग कर रहे थे. इसी दौरान, स्पेशल टीम के द्वारा उन्हें प्लेफार्म तीन पर पहुंचने का एनाउंसमेंट कराया गया. जब वह मेन लाइन से होकर प्लेटफॉर्म की ओर जा रहे थे, तभी गोंदिया बरौनी एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन से उन्हें टक्कर लग गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि वह करीब 20 मीटर उछलकर प्लेटफार्म में जा गिरे. सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में चोंट लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई. 

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स्पेशल ट्रेन और टीम का किया रास्ता जाम

जैसे ही इस घटना की जानकारी रेलवे के अन्य कर्मचारियों को हुई वे नाराज हो कर विरोध में उतर आए. स्पेशल ट्रेन से पहुंचे अधिकारी निरीक्षण छोड़कर वापस जबलपुर जाने लगे. सतना पहुंचने पर कर्मचारी संगठनों ने उनका रास्ता रोक लिया. इस बीच चीफ इलेक्ट्रिकल लोको इंजीनियर (CELI) सहित अन्य अधिकारियों ने RPF से सुरक्षा मांगी. जिसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच सभी को थाने लाया गया.

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स्पेशल टीम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते रेल कर्मी

चार स्टेशनों की सुरक्षा जांचने आई थी टीम

रेलवे की परख टीम सतना-मानिकपुर के बीच के चार स्टेशनों की सुरक्षा जांचने के लिए पहुंची थी. इसी टीम में जीतेन्द्र नाथ शुक्ला को भी शामिल किया गया था. पिछले कई दिनों से ड्यूटी पर होने के बाद भी उन्हें दबाव बनाकर निरीक्षण कराने ले जाने का आरोप कर्मचारियों ने लगाया है. कर्मचारियों का कहना है कि सगमा, जैतवारा, मझगवां और उसके बाद बारामाफी स्टेशन तथा गेट का निरीक्षण की तैयारी थी. सभी अधिकारी औपचारिक रुप से निरीक्षण पर परख में वापस आ गए. जबकि, जीतेन्द्र नाथ को काउंसलिंग के लिए लगा दिया गया. 

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कुछ महीने बाद था रिटायरमेंट

कर्मचारी यूनियन से जुड़े सदस्यों की मानें, तो जीतेन्द नाथ राजेन्द्र नगर वसंत विहार कॉलोनी में रहते थे. उनका एक बेटा इंदौर में पढ़ाई करता है. कुछ महीने बाद ही उनकी रिटायरमेंट थी. इससे पहले ही वह दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए. कर्मचारियों का मानना है कि यदि उन पर वर्कलोड नहीं होता, तो शायद यह स्थिति नहीं होती. बिना सीएलआई के पहुंचे ही परख को आगे बढ़ा दिया गया था. 

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