Chhatarpur Famer: मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर जिले में एक किसान ने टमाटर की खेती करके अपने साथ-साथ दर्जनों लोगों को किस्मत बदल दी है. नकदी फसल टमाटर की खेती से किसान न केवल अच्छा मुनाफा कमा रहा है, बल्कि दर्जनों लोगों को रोजगार दिया है.
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टमाटर की खेती से होती है बड़ी कमाई?
NDTV से बातचीत करते हुए छतरपुर के धाकड़ किसान राजकुमार कुशवाहा ने बताया कि टमाटर की खेती से पहले बीज का उपचार जरूरी है. किसान ने बताया कि आधुनिक तरीके से टमाटर की खेती करके न केवल उसने अच्छी पैदावार की, बल्कि मुनाफा कमा रहा है. बड़ी बात यह है कि बाजार में टमाटर की डिमांड हमेशा बनी रहती है.
सब्जियों की रानी कहलाती है टमाटर
वैसे तो सब्जियों के राजा का खिताब आलू के नाम है, इस हिसाब से रानी टमाटर को कहा ज सकता है, क्योंकि आलू के बाद टमाटर ही ऐसी सब्जी है, जिसकी बाजार में सबसे अधिक डिमांड में रहती है. पोटेशियम, विटामिन, लाइकोपीन विटामिन सी भरपूर टमाटर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है.
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सलाद में खूब होता है टमाटर का उपयोग
टमाटर का उपयोग गृहस्थ सब्जी बनाने के अलावा सलाद में भी खूब करते हैं. इसलिए बाजार में टमाटर की खपत खूब होती है. ऐसे में वृहद स्तर पर टमाटर की खेती करने पर उसकी खपत बाजार में आसानी से हो जाती है. सब्जी और सलाद के अलावा टमाटर का कामर्शियली उपयोग भी होता है. टमाटर से निर्मित सूप,चटनी और प्यूरी सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है.
औषधि व ब्यूटी प्रोडक्ट में होता है खूब इस्तेमाल
टमाटर के उपयोग से आयुर्वेदिक औषधियां तैयार की जाती है. इसके अलावा टमाटर का ब्यूटी प्रोडक्ट्स को तैयार करने कमें किया जा रहा है, जिससे टमाटर लगातर डिमांड में बना रहता है. टमाटर की खेती से जुड़े लोगों के लिए हर मौसम में यह फायदे का सौदा बना रहता है.
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खेत तैयार होने बाद पौधों की जाती है रोपाई
किसान राजकुमार कुशवाहा के मुताबिक खेत को तैयार करने के बाद टमाटर के पौधों की रोपाई की जाती है और रोपाई के करीब 10 दिन के भीतर जब तक फसल तैयार होती है, तब तक सिंचाई की जाती है. वहीं, टमाटर की फसलों से खरपतवार हटाने के लिए 25 दिन में एक बार निराई-गुड़ाई जरूरी है वरना फसल खराब हो जाता है.
टमाटर की इन किस्मों से हो रही अच्छी फसल
छतरपुर के जिला उद्यान अधिकारी जगदीश सिंह मुजाल्दा ने बताया कि टमाटर की तमाम किस्में बाजार में हैं और बाजार में उपलब्ध किसी भी बीजे से खेती की जा सकती है. खेत में नाली बनाकर ऊंचे स्थान पर करीब 100 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपने से खरपतवार नियंत्रित रहते हैं. इससे बारिश का पानी भी नहीं ठहरता है. निराई गुड़ाई भी सही तरीके से होती है.
बेहतर फसल के लिए खेत में नमी है जरूरी
टमाटर की फसल के लिए नमी बेहद जरूरी है, इसलिए सर्दियों में पाले से बचाव के लिए 10 से 12 दिनों में सिचाई की अत्यंत जरूरी है. फसल का कीटों से बचाव जरूरी है, इसलिए फसलों पर 3 ग्राम थायरम का छिड़काव जरूरी है. इन दिनों किसान मचान विधि का इस्तेमाल कर रहे हैं, इससे पौधे मजबूत और फल सुरक्षित रहता है.
एक हेक्टेयर में होता है 1200 कुंतल फसल
किसान राजकुमार कुशवाहा ने बताया कि एक हेक्टेयर में लगभग 12 सौ कुंतल टमाटर का उत्पादन होता है और किसान साल में दो बार फसल लेता है. पहली फसल जुलाई से शुरू होकर मार्च तक चलती है और दूसरी फसल नवंबर से शुरू होकर जुलाई तक चलती है. कई बार वह अगेती फसलों पर भी दांव आजमाते हैं. इसमें भी उन्हें काफी फायदा होता है,
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