MP News In Hindi: एमपी के छतरपुर जिले में करीब 30 गौशालाएं हैं. इन गौशालाओं में गोवंश को रखने के लिए सरकार अनुदान भी देती है. लेकिन क्या मिलने वाला अनुदान काफी है? क्या जो अनुदान मिल रहा है, उसका सही इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे कई सवाल जोर पकड़ रहे हैं.
बेसहारा जानवरों को शिफ्ट नहीं किया
इसके साथ पूर्व की कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में जिले में पंचायत स्तर पर भी कई गौशालाओं का निर्माण शुरू करवाया गया था. इस योजना के तहत भी करीब 170 गौशालाएं बनाई गई थी, गोवंश को रखने के लिए अधोसंरचना और अनुदान की कोई कमी नहीं है, फिर भी बेसहारा जानवरों को शिफ्ट नहीं किया जा रहा है.
हर वार्ड में 30 से 40 गायें हैं
जानकारों की मानें तो छतरपुर शहर में लगभग तीन हजार से अधिक गायें सड़कों पर बेसहारा भटक रही हैं. इनके रहने, खाने-पीने का इंतजाम नहीं है. शहर के हर वार्ड में कम से कम 30 से 40 गायें हैं, जो खाने की तलाश में सड़कों, गलियों में भटकती रहती हैं. हर सड़क पर इनकी वजह से जाम लगता है. सड़क के किनारे और सड़क पर बैठी गायों को बचाने के प्रयास में दुर्घटना हो रही हैं. रात में समय सड़क पर बैठे गोवंश सड़क दुर्घटनाओं की वजह बन रहे हैं. लोग हादसों का शिकार होकर जान गंवा रहे हैं.
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रोजाना 5 एक्सीडेंट हो रहे..
गायों को बचाने के चक्कर में रोजाना 5 एक्सीडेंट शहर में हो रहे हैं. बारिश के मौसम में पशुओं को मक्खियां काटती हैं, इनसे बचने के लिए वे सड़कों पर बैठने लगते हैं. छतरपुर के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर इन दिनों बड़ी संख्या में आवारा पशुओं का जमावाड़ा लगा रहता है.
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