स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ऐसी कि झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर 50 गांव के ग्रामीण

Chhatarpur Fake Doctors: छतरपुर जिले के भगवां अंचल के करीब 50 गांव के ग्रामीण इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टर पर निर्भर है. इसको लेकर उन्होंने कई बार शिकायत भी की है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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छतरपुर में ग्रामीणों को नहीं मिल रही सही स्वास्थ्य सुविधा

Fake Doctors for 50 Villages: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर भगवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) है और यहीं पर थाना भगवां भी है. इसमें पदस्थ डॉक्टर मोहित राजपूत की लापरवाही के कारण मरीज परेशान हैं और थाना में आने वाले लोगों की एमएलसी से पुलिस परेशान हो रहे हैं. इसके लिए थाना प्रभारी भगवां ने लगभग जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग को 30  से ज्यादा पत्र लिखे हैं, लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

दो महीने से गायब लेकिन वेतन गया खाते में

जानकारी के अनुसार, डॉक्टर मोहित राजपूत दो महीने से कहीं गायब हैं. लेकिन, सबसे हैरानी की बात ये है कि नहीं आने के बाद भी सीएमएचओ कार्यालय से उनके वेतन का भुगतान एकदम सही समय पर हुआ है. गांव के लोगों ने कई बार मामले को लेकर शिकायत की, लेकिन प्रशासन है कि उसको कोई फर्क नहीं पड़ता और कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है.

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एमएलसी के लिए पुलिस जाती है दूसरे गांव

भगवां में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद पुलिस अधिकारियों को मेडिकल लीगल केस के लिए घुवारा और बड़ा मलहरा जाना पड़ता है, जो 20 किलोमीटर दूर है. ऐसे मामलों में भगवां थाना में एफआईआर दर्ज नहीं होने के कारण बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. भगवां थाना प्रभारी कई बार डॉक्टर की लापरवाही को लेकर बीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को लिख कर दें चुके हैं. इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई हैं.

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