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This Article is From Jan 15, 2024

MP की 'गंगा' का हाल बेहाल: गंदगी से बजबजा रही बेतवा में डुबकी लगाने को मजबूर श्रद्धालु

Makar Sankranti: इस बार मकर संक्रांति के मौके पर प्रशासन ने बेतवा की साफ-सफाई के इंतजाम नहीं किए. जिसके चलते लोगों को गंदगी से बजबजा रहे बेतवा के पानी में डुबकी लगाने को मजबूर होना पड़ा.

MP की 'गंगा' का हाल बेहाल: गंदगी से बजबजा रही बेतवा में डुबकी लगाने को मजबूर श्रद्धालु
इस बार मकर संक्रांति पर बेतवा के घाट में भीड़ कम दिखी.

Bad Condition of Betwa: विदिशा जिले (Vidisha) की जीवनदायिनी और धार्मिक दृष्टि से बड़ी आस्था का केंद्र बेतवा नदी (Betwa River) के हालात इन दिनों बेहद खराब हैं. हर साल मकर संक्रांति के मौके पर लोग बेतवा में स्नान करते थे. लेकिन, इस साल बेतवा में यह नजारा देखने को नहीं मिला. इसका कारण है कि बेतवा नदी इन दिनों पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है. इसके बावजूद कुछ लोग अपनी आस्था के चलते बेतवा (Betwa) के मैले पानी में स्नान करने पहुंचे.

आपको बता दें कि इस बार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के मौके पर प्रशासन ने बेतवा की साफ-सफाई (Cleanliness of Betwa) के इंतजाम नहीं किए. जिसके चलते लोगों को गंदगी से बजबजा रहे बेतवा के पानी में डुबकी लगाने को मजबूर होना पड़ा. विदिशा में सभी नेताओं ने बेतवा को स्वच्छ बनाने के वादे तो किए लेकिन कोई इसे पूरा नहीं कर पाया.

Betwa River

श्रद्धालु गंदगी से बजबजा रहे पानी में नहाने को मजबूर हैं.

बेतवा में मिला शहर का गंदा पानी

वैसे तो बेतवा को मध्य प्रदेश की 'गंगा' कहा जाता है. लेकिन इस नदी में बढ़ती गंदगी के चलते लोगों की आस्था खत्म होती जा रही है. विदिशा में बेतवा नदी का महत्व आस्था के साथ-साथ जीवन यापन के दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यह नदी यहां की जीवन रेखा है और शहर के लोगों की प्यास बुझाती है. लेकिन, वर्तमान में कई गंदे नाले इससे जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही पड़ोसी जिले रायसेन से भी कुछ फैक्ट्रियों का गंदा पानी बेतवा नदी में छोड़ा जा रहा है. जिससे साल दर साल यह प्रदूषित होती जा रही है.

श्रद्धालुओं की संख्या घटी

विदिशा जिले में मकर संक्रांति का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता रहा है. जिसके चलते विदिशा के साथ ही उसके आसपास के लोग बड़ी संख्या में बेतवा में स्नान करने पहुंचते हैं. इस दौरान घाट पर पूजा अर्चना की जाती है. लेकिन, हर साल की अपेक्षा इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली है. इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है.

Betwa River

बेतवा नदी में गंदगी की परत जमी हुई है.

स्नान किए बगैर लोटे कई श्रद्धालु

विदिशा के स्थानीय लोग हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्रांति के मौके पर अपने पूरे परिवार के साथ स्नान करने पहुंचे. लेकिन, स्थानीय लोगों ने जब बेतवा की यह हालात देखी तो घर पर ही स्नान करना बेहतर समझा. लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन चाहता तो एक दिन पहले बेतवा को साफ किया जा सकता था. लेकिन, प्रशासन बेतवा को साफ करना ही नहीं चाहता. वहीं मंदिर की सेवा कर रहे पुजारी बताते हैं कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु बेतवा में स्नान करने के लिए आते हैं. यहां लोग इस आस्था से आते हैं कि बेतवा में स्नान करके पवित्र होकर घर लौटेंगे, लेकिन प्रदूषण के चलते वो पवित्र तो नहीं होते बल्कि कई बीमारियां अपने साथ घर लेकर जाते हैं.

घाट पर हैं कई प्राचीन मंदिर

बता दें कि विदिशा में बेतवा नदी के घाट पर एक नहीं बल्कि कई प्राचीन मंदिर बने हैं. यहां पर शनि मंदिर, हनुमान मंदिर, देवी जी का मंदिर, सबसे प्राचीन राम मंदिर समेत कई मंदिर हैं. बताया जाता है जब भगवान राम वनवास के लिए जा रहे थे, तब वे इसी बेतवा नदी से होकर गुजरे थे. उनके चरणों के निशान आज भी यहां मौजूद हैं. यही कारण है कि बेतवा नदी बड़ी आस्था का केंद्र है.

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