सराहनीय: इस सरकारी कॉलेज ने कर ली 23 करोड़ रुपए की बचत, अब इससे बनेगी नई बिल्डिंग

MP News: सरकारी शिक्षण संस्थान या अन्य विभाग किसी भी काम के लिए सरकारी फंड की राह देखते हैं. लेकिन, रीवा में एक सरकारी कॉलेज ऐसा भी है, जिसने खुद ही 23 करोड़ रुपए की सेविंग्स कर ली है. अब इस पैसे को ही कॉलेज के कामों के लिए यूज किया जाएगा. 

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कॉलेज ने की अनोखी पहल

Rewa Government College: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सबसे बड़े कॉलेजों में से एक, रीवा (Rewa) के ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय (Thakur Ranmat Singh College) ने अपनी स्वयं की 23 करोड़ रुपए की बचत कर डाली. अब इस पैसे से कॉलेज की प्राचार्य अर्पिता अवस्थी (Arpita Awasthi) 50 कमरों की चार मंजिला नई बिल्डिंग (New Building) बनवाना चाहती हैं. बता दें कि इस कॉलेज में छात्रों की संख्या 12 हजार से ज्यादा हैं. रीवा का ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय, बिल्डिंग बनाने के लिए स्थान चयनित कर लिया गया है. अब इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ है. इंतजार है आचार संहिता के खत्म होने का...

अपने ही पैसे से अपना विकास करेगा शासकीय कॉलेज

रीवा के ठाकुर हनुमत सिंह महाविद्यालय ने वह कारनामा करके दिखा दिया, जो शायद ही आज से पहले किसी ने किया होगा. इस कॉलेज में लगभग 12 हजार से ज्यादा छात्र हैं. लगभग सभी कोर्स यहां पर संचालित किए जाते हैं. किसी जमाने में इस कॉलेज के पास बहुत जमीन हुआ करती थी. लेकिन, कालांतर में यह जमीन घटती चली गई. फिलहाल, जिस जगह पर महाविद्यालय का हॉस्टल हुआ करता था किसी जमाने में, अब वहां पर कृषि विभाग का दफ्तर लगता है. 

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कॉलेज की प्राचार्य अर्पिता अवस्थी

अपने खोए हुए जमीन को लेगा वापस

कॉलेज अपने पुराने, खोए हुए हॉस्टल के जमीन को खाली करा कर इस जगह 23 करोड़ की लागत से जी प्लस 3, यानी 4 मंजिला बिल्डिंग बनाना चाहता है. इस बिल्डिंग में 50 कमरे होंगे और तमाम जरूरी सुविधाएं होंगी. कॉलेज की प्राचार्य ने पीइयू से बात कर ली है. आचार संहिता खत्म होने के बाद बिल्डिंग निर्माण के लिए टेंडर निकाला जाएगा और बिल्डिंग निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी.

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कहां से आए 23 करोड़ 

ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय की प्राचार्य अर्पिता अवस्थी की मानें, तो कॉलेज में 12 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं, जो कॉलेज को किसी न किसी रूप में कुछ ना कुछ शुल्क देते हैं. प्रचार्य ने कहा, 'हमने कुछ पैसा बचाने के बारे में सोचा. हमें लगा कुछ खर्च कम किए जा सकते हैं. जो बहुत जरूरी नहीं है. हमने अपने खर्चे में कटौती की, नतीजा आपके सामने है. यह पैसा हमने हाल ही के वर्षों में चार-पांच साल में जोड़े हैं. इस पैसे से हम कॉलेज के लिए एक शानदार बिल्डिंग बनाएंगे.'

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क्या कहती है प्राचार्य 

कॉलेज की प्राचार्य अर्पिता अवस्थी का कहना है, 'मुझे लगता है यह प्रदेश का पहला कॉलेज होगा जिसने अपने बचत के 23 करोड़ रुपए जोड़ लिए. हम इस पैसे का बेहतर इस्तेमाल करेंगे. कॉमर्स के लिए हम एक शानदार बिल्डिंग बनाएंगे जहां सारी सुविधाएं मौजूद होंगी.'

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