Tapti Basin Mega Recharge Project: 'मोहन-देवेंद्र' के बीच MoU, जानिए क्या है ताप्ती बेसिन परियोजना?

Tapti Basin Mega Recharge Project: ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज योजना मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्यों की संयुक्त परियोजना के रूप में प्रस्तावित है. इस योजना से मध्यप्रदेश के 1,23,082 हेक्टेयर क्षेत्र में एवं महाराष्ट्र के 2,34,706 सेक्टर में सिंचाई प्रस्तावित है.

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Tapti Basin Mega Recharge Project: ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना

Tapti Basin Mega Recharge Project: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस की मौजूदगी में 10 मई को भोपाल में "ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज" परियोजना का एमओयू होगा. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के बाद अब मध्यप्रदेश में तीसरी महत्वपूर्ण अंतर्राज्यीय नदी परियोजना "ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना" पर कार्य होगा. इस अंतर्राज्यीय संयुक्त परियोजना के सभी अवरोध अब दूर हो गये है.

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सीएम मोहन यादव ने गिनाए ये फायदे

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना विश्व की सबसे बड़ी ग्राउण्ड रीचार्ज परियोजना है. इसके जरिए महाऱाष्ट्र सरकार के साथ मिलकर ताप्ती नदी की तीन धाराएं बनाकर राष्ट्रहित में नदी जल की बूंद-बूंद का उपयोग सुनिश्चित कर कृषि भूमि का कोना-कोना सिंचित करेंगे.

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  • ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज योजना में कुल 31.13 टी.एम.सी. जल का उपयोग होगा.
  • इसमें से 11.76 टी.एम.सी मध्यप्रदेश को और 19.36 टी.एम.सी जल महाराष्ट्र राज्य के हिस्से में आएगा.
  • इस परियोजना में प्रस्तावित बांध एवं नहरों से मध्यप्रदेश कुल 3 हजार 362 हैक्टेयर भूमि उपयोग में लायी जाएगी.
  • परियोजना में कोई गांव प्रभावित नहीं होगा अत: इसमें पुनर्वास की भी आवश्यकता नहीं होगी.
इस परियोजना से महाराष्ट्र के उत्तर क्षेत्र एवं मध्यप्रदेश के दक्षिण क्षेत्र के हिस्से को पर्याप्त जल उपलब्ध कराएंगे. साथ ही नागपुर जैसे बड़े शहर में पीने के पानी की समस्या और छिंदवाड़ा जिले में भी सिंचाई जल की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम प्रदेश की एक-एक नदी के एक-एक बूंद जल का समुचित उपयोग राष्ट्र और राज्य के हित में करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जिस तरह पिछले दिनों हमने पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना का राजस्थान के साथ कार्य प्रारंभ किया है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के साथ केन-बेतवा नदी जोड़ो की बड़ी राष्ट्रीय परियोजना पर काम किया जा रहा है. इसी अनुक्रम में अब हमने इस तीसरी राष्ट्रीय नदी जल परियोजना के जरिए महाराष्ट्र राज्य के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है.

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