सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: MP लोक सेवा आयोग रुकी हुईं नियुक्ति प्रक्रिया छह सप्ताह में करें पूरी 

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जुलाई, 2021 में राज्य भर की शासकीय और अर्ध-शासकीय संस्थाओं में विभिन्न पदों पर नियुक्तियों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू की थी. वहीं परीक्षा आयोजित करने के बाद कई पदों के परिणाम रोक दिए गए थे .

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Supreme Court Order : सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि वह छह सप्ताह के भीतर रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करें. न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ ने आयोग की आलोचना करते हुए यह कहा कि जब एक बार चयन प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो बिना किसी उचित कारण के विज्ञापित पदों को रद्द नहीं किया जा सकता. इसलिए आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह मूल विज्ञापित पदों के अनुसार चयन प्रक्रिया को पूरा करें.

कड़ी फटकार लगाई थी

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फरवरी 2023 के फैसले को खारिज कर दिया. उस फैसले में कहा गया था कि उम्मीदवारों को यह अधिकार नहीं होता कि वे यह सुनिश्चित करें कि विज्ञापन के तहत रिक्त पदों को भरा ही जाए. पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने मप्र लोक सेवा आयोग को अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने पर कड़ी फटकार लगाई थी, जिसके बाद आयोग ने अपनी गलती स्वीकार की थी.

केएम नटराज ने अपने तर्क प्रस्तुत किए

हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अमीन खान ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने पैरवी की, जबकि मप्र लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने अपने तर्क प्रस्तुत किए.

जानें क्या है पूरा मामला 

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जुलाई 2021 में राज्य भर की शासकीय और अर्ध-शासकीय संस्थाओं में विभिन्न पदों पर नियुक्तियों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू की थी. परीक्षा आयोजित करने के बाद कई पदों के परिणाम यह कहते हुए रोक दिए गए थे कि वे पद गलती से विज्ञापन में रिक्त दिखाए गए थे, जबकि वे रिक्त नहीं थे.

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याचिकाएं खारिज कर दी गई थी

इसके विरोध में हाई कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गईं, जिन्हें यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि उम्मीदवारों को यह अधिकार नहीं है कि वे चयन प्रक्रिया के अंतर्गत विज्ञापित पदों को भरने का आग्रह करें.अब, सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए मप्र लोक सेवा आयोग को छह सप्ताह में प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया.

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