Supreme Court On Bulldozer Action: सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने राज्य सरकारों द्वारा अपराध के आरोपी व्यक्तियों की संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए "बुलडोजर कार्रवाई" (Bulldozer Action) पर फैसला सुनाते हुए कहा कि उसने संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकारों पर विचार किया है जो व्यक्तियों को राज्य की मनमानी कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसमें कहा गया है कि कानून का शासन यह सुनिश्चित करने के लिए एक ढांचा प्रदान करता है कि व्यक्तियों को पता हो कि संपत्ति को मनमाने ढंग से नहीं छीना जाएगा.
मनमानी कार्रवाई नहीं कर सकते : SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य और उसके अधिकारी मनमाने कदम नहीं उठा सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी घोषित नहीं कर सकती और न ही वह न्यायाधीश बनकर किसी आरोपी व्यक्ति की संपत्ति को ध्वस्त करने का फैसला कर सकती है. कोर्ट ने कहा उचित नोटिस जारी होना चाहिए, सुनवाई होनी चाहिए. पंजीकृत पोस्ट से नोटिस भेजा जाए. बुलडोजर कार्रवाई का डिजिटल रिकॉर्ड हो. अगर यह साबित हो जाए कि यह अनधिकृत निर्माण है, तो वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए. सड़क पर महिलाओं और बच्चों को देखना सुखद तस्वीर नहीं है. भूमि, जल निकायों, वन भूमि पर अतिक्रमण को संरक्षण नहीं दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी.
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के ओम प्रकाश राजभर ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा देश स्वागत करता है, सरकार भी करती है, विपक्ष भी करता है. सरकार का इरादा किसी का घर गिराने का नहीं है. अगर किसी अपराधी ने अवैध संपत्ति अर्जित की है और सरकारी जमीन पर घर बनाया है, तो उसे खाली कराया जाता है. सरकार कभी किसी की निजी जमीन पर बना मकान नहीं गिराती."
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