supreme court collegium: मारुति सोंधिया ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम पर लगाया जातिवाद और वर्गवाद का आरोप

Jabalpur High Court: याचिका में आरोप लगाया गया कि कॉलेजियम द्वारा मनमाने रूप से अपने चाहेतों को उपकृत करने के लिए जज के लिए नाम की अनुशंसा करती है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
MP News: कॉलेजियम प्रणाली पर उठाया सवाल

Madhya Pradesh News: नवंबर 2023 में हाईकोर्ट में सात जजों की नियुक्ति को चुनाैती देने के मामले में एक्टिंग चीफ जस्टिस शील नागू व जस्टिस अमरनाथ केसरवानी की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. जबलपुर (Jabalpur) निवासी अधिवक्ता मारुति सोंधिया ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कॉलेजियम पर जातिवाद और वर्गवाद का आरोप लगाया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता उदय कुमार साहू ने दलील दी है कि हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा संविधान में विहित सामाजिक न्याय तथा आनुपातिक प्रतिनिधित्व के सिद्धांत को नजर अंदाज करके एक ही जाति, वर्ग तथा परिवार विशेष के ही अधिवक्ताओं के नाम जज बनाने के लिए भेजे जाते हैं.

अब तक एमपी हाई कोर्ट में एक भी एससी एसटी जज नहीं

यह संविधान के अनुच्छेद 13,14, 15,16 एवं 17 के प्रावधानों तथा भावना के विपरीत है. न्यायपालिका में सभी वर्गों का अनुपातिक प्रतिनिधित्व होना आवश्यक है. इस संबंध में करिया मुंडा कमेटी की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से व्याख्या करती है कि हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में एक जाति वर्ग विशेष के ही जजों की नियुक्ति होने से बहुसंख्यक समाज के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों वंचित किया जा रहा है. अधिवक्ता साहू ने कोर्ट को बताया कि आजादी से लेकर आज तक मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक भी एससी तथा एसटी का जज नहीं बनाया गया है. इतना ही नहीं मप्र हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम में भी आरक्षित वर्ग का एक भी प्रतिनिधि नहीं है.

जस्टिस रवि मलिमठ हैं अपनी तीसरी पीढ़ी के हाईकोर्ट जज 

याचिका में आरोप लगाया गया कि कॉलेजियम द्वारा मनमाने रूप से अपने चाहेतों को उपकृत करने के लिए जज के लिए नाम की अनुशंसा करती है. अधिवक्ता साहू ने उदाहरण देकर बताया हाल ही में जस्टिस रवि मलिमठ अपनी तीसरी पीढ़ी के हाईकोर्ट जज थे. इसी प्रकार देश के अन्य परिवारों के उदाहरण भी दिए गए.

इन्हें बनाया गया है पक्षकार

याचिका में कैबिनेट लाॅ सेक्रेटरी यूनियन आफ इंडिया कानून मंत्रालय, सुप्रीम कोर्ट, मप्र हाईकोर्ट, मप्र शासन के मुख्य सचिव के अलावा जस्टिस विनय सराफ, जस्टिस विवेक जैन, जस्टिस राजेंद्र कुमार वानी, जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल, जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी, जस्टिस देव नारायण मिश्रा और जस्टिस गजेंद्र सिंह को पक्षकार बनाया गया है.

Advertisement

ये भी पढ़ें MP News: सागर में दलित युवती की मौत पर बोले CM मोहन यादव, कहा-यह रंजिश का नतीजा

ये भी पढ़ें Heat Wave: छ्त्तीसगढ़ में जारी है गर्मी का कहर, अधिकांश जिलों में पारा 45 से ऊपर...मुंगेली में पहुंचा 47 के पार

Advertisement
Topics mentioned in this article