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Success Story: रीवा के कुलदीप सेन सैलून से IPL प्‍लेयर तक, आखिरी पल में RCB ने कैसे बदल दी किस्मत?

Success Story of Kuldeep Sen: मध्‍य प्रदेश के रीवा के कुलदीप सेन 2022 से रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु और पंजाब किंग्स के लिए लिए आईपीएल में खेल चुके हैं . अभी तक कुलदीप 30 लाख रुपए में बिका करते थे. लेकिन बीते दिन रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु ने अंतिम लम्हों में कुलदीप को 75 लाख रुपए में खरीदा.

Success Story: रीवा के कुलदीप सेन सैलून से IPL प्‍लेयर तक, आखिरी पल में RCB ने कैसे बदल दी किस्मत?

Success Story of Kuldeep Sen: मध्य प्रदेश के रीवा से निकलकर आईपीएल के सबसे बड़े मंच तक पहुंचना किसी सपने से कम नहीं होता, और इस सपने को सच कर दिखाया है तेज गेंदबाज कुलदीप सेन ने. कुलदीप सेन वर्ष 2022 से अब तक रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु और पंजाब किंग्स जैसी दिग्गज आईपीएल फ्रेंचाइजी का हिस्सा रह चुके हैं.

अब तक आईपीएल ऑक्शन में कुलदीप 30 लाख रुपए के बेस प्राइस में खरीदे जाते रहे, लेकिन बीते दिन हुए ऑक्शन में आखिरी लम्हों का रोमांच उनके जीवन की सबसे बड़ी खुशी बन गया. जब पहले दौर में कुलदीप का नाम नहीं पुकारा गया, तो रीवा स्थित उनके घर में मायूसी छा गई. परिवार की आंखें टीवी स्क्रीन पर टिकी थीं और दिलों में डर था कि कहीं इस बार सपना अधूरा न रह जाए. 

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पूरा घर खुशी से झूम उठा

लेकिन जैसे ही ऑक्शन के अंतिम क्षणों में रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु ने 75 लाख रुपए की बोली लगाकर कुलदीप को खरीदा, पूरा घर खुशी से झूम उठा. मायूसी पल भर में जश्न में बदल गई. परिजनों ने तुरंत कुलदीप से फोन पर बात की, घर में बैंड-बाजा बुलाया गया, ढोल-नगाड़ों के साथ जोरदार जश्न मनाया गया.

पिता ने बेटे के नाम पर खोला सैलून

इस जश्न के बीच एक तस्वीर ऐसी भी रही, जिसने पूरे संघर्ष की कहानी बयां कर दी. कुलदीप के पिता, जो पेशे से नाई हैं, रोज की तरह अगली सुबह अपने सैलून पहुंचे, जिसे उन्होंने अपने बेटे कुलदीप के नाम पर ही खोला है. पिता का कहना है-“बेटा आज जहां पहुंचा है, वहां तक पहुंचने के लिए उसने बहुत मेहनत की है.”

बचपन से ही क्रिकेट का जुनून 

परिवार बताता है कि कुलदीप को बचपन से ही क्रिकेट का जुनून था. आम बच्चों की तरह वह भी कपड़े की गेंद से गलियों में क्रिकेट खेलता था. मां को जानकारी देकर और पिता से छिपकर उसने क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन की. जब रीवा की टीम में उसका चयन हुआ, तब जाकर पिता को पता चला कि बेटा अब गंभीर रूप से क्रिकेट की राह पर चल पड़ा है.

शुरुआत में पिता चाहते थे कि बेटा पढ़ाई पर ध्यान दे. वह नाराज भी हुए, लेकिन अंदर से बेहद खुश भी थे. उन्होंने बेटे को खेलने के लिए पैसे दिए और मैदान पर उतरने दिया. वही भरोसा आज रंग लाया है. रीवा डिवीजन से निकलकर, मध्य प्रदेश और फिर आईपीएल तक पहुंचने की यह कहानी हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है.

कुलदीप सेन की गेंदबाजी ही बनी पहचान

दाएं हाथ के तेज गेंदबाज कुलदीप सेन अपनी सटीक लाइन-लेंथ, तेज आउट-स्विंग, अंदर आती खतरनाक गेंद और घातक यॉर्कर के लिए जाने जाते हैं. टी-20 फॉर्मेट में किसी भी फ्रेंचाइजी को जिस गेंदबाज की जरूरत होती है. चार ओवर में नियंत्रण और विकेट लेने की क्षमता, वह गुण कुलदीप में साफ नजर आता है. यही वजह है कि पिछले तीन सालों से वह लगातार किसी न किसी आईपीएल टीम का हिस्सा रहे हैं.

इस बार भी कहानी दोहराई गई है. अब कुलदीप सेन एक बार फिर रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु की जर्सी में नजर आएंगे, और रीवा का यह बेटा पूरे प्रदेश का नाम रोशन करेगा. हमने इस मौके पर कुलदीप के पूरे परिवार और उनके पिता से सैलून में जाकर बातचीत की, जहां सादगी, मेहनत और गर्व एक साथ नजर आया. 

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