रेल हादसे में हुई मौत, 19 दिन बाद मिली पहचान… आंसुओं और सलाम के बीच विदा हुए सूबेदार दिलबाग सिंह

Subedar Dilbagh Singh Funeral With State Honours: 28-29 अगस्त की रात मध्य प्रदेश के रतलाम से करीब 80 किमी दूर लुनी रीछा-विक्रमगढ़ आलोट स्टेशन के बीच ट्रेन से गिरने से सूबेदार दिलबाग सिंह की मौत हो गई थी.

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Subedar Dilbagh Singh: अमृतसर (Amritsar) निवासी डिफेंस सिक्योरिटी कोर (DSC) के ट्रेनी सूबेदार दिलबाग सिंह (Trainee Subedar Dilbagh Singh) की मौत चलती ट्रेन से गिरने से हो गई थी. 19 दिन तक परिवार और पुलिस उन्हें लापता मानते रहे, लेकिन आलोट में मिले अज्ञात शव की पहचान आखिरकार उन्हीं के रूप में हुई.

कैसे हुआ हादसा?

28-29 अगस्त की रात मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम (Ratlam) से करीब 80 किमी दूर लुनी रीछा-विक्रमगढ़ आलोट स्टेशन (Luni Richha-Vikramgarh Alot Station) के बीच ट्रेन से गिरने से उनकी मौत हो गई थी. हादसे के बाद शव क्षत-विक्षत हालत में मिला. पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं होने से पुलिस ने शव को अज्ञात मानकर पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया.

19 दिन बाद हुई पहचान

घर न लौटने पर परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 14 सितंबर को पत्नी पलकप्रीत को सूचना मिली कि आलोट में कुछ दिन पहले एक अज्ञात शव मिला था. पुलिस ने जब शव के फोटो दिखाए तो परिजनों ने पहचान दिलबाग सिंह (46 वर्षीय) के रूप में की. एसडीएम कोर्ट के आदेश पर कब्र से शव निकालकर परिवार को सौंपा गया.

सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई

15 सितंबर को महू कैंप से पहुंचे सेना के अधिकारियों और जवानों की मौजूदगी में सूबेदार दिलबाग सिंह को आलोट मुक्तिधाम में पूरे सैन्य सम्मान और तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर के साथ अंतिम विदाई दी गई.

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