Stubble Burning News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पराली जलाना (Stubble Burning in MP) एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है, जिससे यह देश में इस मामले में नंबर 1 राज्य बन गया है. चंबल से ग्वालियर और बुंदेलखंड से भोपाल के पास नर्मदापुरम तक, खेतों से उठते धुएं के गुबार न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा कर रहे हैं. सरकार के प्रयासों के बावजूद, किसान आर्थिक और प्रबंधन संबंधी चुनौतियों का हवाला देकर पराली जलाना जारी रख रहे हैं.
ये आंकड़ें चौंकाते हैं
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR Report) की रिपोर्ट के हालिया आंकड़े चौंकाते हैं, क्योंकि देश के जिन दो प्रदेशों के 10 जिले हवा का जमकर खराब कर रहे हैं, उनमें मध्य प्रदेश के 6 जिले हैं. ताजा आंकड़ें बताते हैं कि देश में सबसे ज्यादा पराली के मामले एमपी के श्योपुर में सामने आए हैं. एमपी के गुना जिले में इस साल 619 मामले रिकॉर्ड किए गए, जो पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा है.
अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार MP में 15 सितंबर से 14 नवंबर 2024 के बीच पराली जलाने की जो घटनाएं सामने आईं उनमें सर्वाधिक 489 श्योपुर में दर्ज की गईं. जबलपुर में 275 घटनाएं हुईं तो ग्वालियर, नर्मदापुरम्, सतना, दतिया जैसे जिलों में लगभग 150-150 घटनाएं दर्ज की गईं. यह आंकड़ें पंजाब और हरियाणा जैसे कृषि प्रधान प्रदेशों से भी अधिक हैं.
नेता आमने-सामने
पराली जलाने की वजह से दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचे वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली की सीएम आतिशी ने खराब हवा के लिए मध्य प्रदेश में जलाई जा रही पराली को भी जिम्मेदार ठहराया है, वहीं मध्य प्रदेश बीजेपी प्रमुख वीडी शर्मा ने आतिशी को कहा है कि दिल्ली की सीएम एमपी आ जाएं, यहां की हवा देश में सबसे साफ है.
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