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अजब-गजब : एक मार्कशीट से दो भाइयों ने हासिल कर ली सरकारी नौकरी, अब हुई FIR, पढ़िए पूरा मामला

Madhya Pradesh News : नगर निगम के अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव के अनुसार शिकायत मिलने के बाद विभागीय जांच कराई गई. इस मामले में आरोप सही पाये जाने पर अगस्त 2023 में आरोपियों बर्खास्त दिया.

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अजब-गजब : एक मार्कशीट से दो भाइयों ने हासिल कर ली सरकारी नौकरी, अब हुई FIR, पढ़िए पूरा मामला

Madhya Pradesh News : बेरोजगारी (Unemployment) के दौर में कई युवा अपनी मार्कशीट और डिग्रियां लेकर भटक रहे हैं, लेकिन ग्वालियर जिले (Gwalior District) में एक ही मार्कशीट पर दो सगे भाईयों ने नौकरी हासिल कर ली. ये नौकरी कोई प्राइवेट जॉब (Private Job) नहीं थी, बल्कि सरकारी नौकरी (Government Job) थी. अब जब इस मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर (FIR) दर्ज करते हुए जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. 

कैसे सामने आया यह मामला?

ग्वालियर नगर निगम (Municipal Corporation Gwalior) में कैलाश कुशवाह ने सहायक वर्ग 3 (Assistant Class 3) के पद पर नौकरी पाई थी, जबकि उसका भाई रणेंद्र सिंह कुशवाह राज्य पॉवर लूम बुनकर सहकारी संघ (State Power Loom Weavers Cooperative Union) में नौकरी कर रहा है. मुरैना निवासी अशोक कुशवाह ने नगर निगम ग्वालियर में शिकायत की कि सहायक वर्ग 3 पर काम कर रहे कैलाश कुशवाह ने अपने भाई की मार्कशीट में हेराफेरी करके नौकरी हासिल की है, उसने यह नौकरी 1982 में प्राप्त की थी और अब वह रिटायरमेंट (Retirement) के करीब है.

शिकायत के बाद नौकरी से बर्खास्त

नगर निगम के अपर आयुक्त (Additional Commissioner of Municipal Corporation) आरके श्रीवास्तव के अनुसार शिकायत मिलने के बाद विभागीय जांच कराई गई. इस मामले में आरोप सही पाये जाने पर अगस्त 2023 में आरोपियों बर्खास्त कर दिया गया.

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

उधर इस मामले की शिकायत विवि थाना में भी की गई थी. इसमे नगर निगम की जांच के दौरान उस तथ्य को भी शामिल किया गया जिसमे उसने माध्यमिक शिक्षा मंडल से जानकारी मांगी थी. जिस पर मंडल ने जवाब दिया कि कैलाश सिंह द्वारा नगर निगम में नियुक्ति के समय जो अंकसूची लगाई है, वह रिकॉर्ड में उसके नहीं बल्कि रणेंद्र सिंह के नाम पर है. जांच पूरी होने के बाद नगर निगम के उप आयुक्त अनिल कुमार दुबे ने इसकी शिकायत पुलिस को भी की थी. एडिशनल एसपी (Additional SP) ऋषिकेश  मीणा ने बताया कि फर्जी मार्कशीट (Fake Mark Sheet) से नौकरी पाने और सरकारी फंड से लाभ अर्जित करने को लेकर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. उन्होंने बताया कि मामला गैर जमानती है, इसलिए इसमें टीम गठित कर दी गई है, जो आरोपी को गिरफ्तार करेगी.

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