
Body Donation in Neemuch: देश में नेत्रदान के लिए विख्यात नीमच अब देहदान के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाने लगा है. नीमच जिले के हिंगोरिया गांव के रहने वाले 61 वर्षीय चंद्रशेखर नागदा ने देहदान किया तो उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया. उन्होंने शासकीय वीरेन कुमार सकलेचा मेडिकल कॉलेज में देहदान दी. मध्य प्रदेश सरकार ने देहदान करने वालों को गॉर्ड ऑफ ऑनर देने का फैसला पहले ही ले रखा है.
11 वर्ष पहले जाहिर की थी अपनी इच्छा
दरअसल, उन्होंने 11 वर्ष पूर्व अपने परिजनों के सामने देहदान की इच्छा जाहिर की थी और कहा था कि मौत के बाद मेरे शव को मेडिकल कॉलेज के छात्राओं के अध्ययन के लिए दे दिया जाए. मृतक चंद्रशेखर की इच्छानुसार शुक्रवार को परिजनों ने मेडिकल कॉलेज में शव को सौंप दिया.
राजकीय सम्मान दिया गया
इस अवसर पर पुलिस की टुकड़ी ने उन्हें गॉड ऑफ ऑनर दिया. पुलिस जवानों की सलामी के साथ नेत्रदान और देहदान करवाया गया. इस अवसर पर तहसीलदार संजय मालवीय, केंट थाना प्रथारी पुष्पा चौहान लायंस क्लब के संदीप कोठारी, संतोष चौपड़ा, राजेंद्र जारोली, कमल ऐरन सहित परिजन ओर समाज जन मौजूद रहे.
हर साल 10 बॉडी की जरूरत
विरेंद्र कुमार मेडिकल कॉलेज में डीन प्रभारी डॉ आदित्य सिंह ने कहा कि नीमच नेत्रदान, देहदान और अंगदान में प्रसिद्ध है. यह सबसे उत्कृष्ट दान है. नीमच मेडिकल कॉलेज को सालाना 10 डेड बॉडी की आवश्यकता होती है. बिना प्रैक्टिस के डॉक्टर नहीं बन सकते हैं. दस छात्रों पर एक बॉडी की जरूरत है. 100 सीटर मेडिकल कॉलेज में दस बॉडी की जरूरत है. सभी से विनती है कि इस पुनित कार्य के भागीदार बनें. साल 2024 से अब तक नीमच मेडिकल कॉलेज को छह देहदान मिला.
लायंस क्लब पदाधिकारी और समाजसेवी संतोष चौपड़ा ने कहा कि देहदान की नगरी नीमच में आज फिर पुनित कार्य हुआ है. चंद्रशेखर जी नागदा ने अपनी बॉडी मानव सेवा को सौंप दी है. सीएम मोहन यादव के आदेश के बाद पहली बार नीमच में जवानों द्वारा देहदाता को सलामी दी गई है. इस आदेश का उद्देश्य दानदाताओं का मनोबल बढ़ाना है.
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