दुष्कर्म के आरोपी को विशेष कोर्ट ने सुनाई 20 साल कारावास की सजा, डीएनए की जांच ने निभाई मुख्य भूमिका

पुलिस ने धारा 363, 377, 506 व धारा 4 (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) में केस दर्ज कर निलेश को जेल भेज दिया था. जिसके बाद अब उन्हें सजा सुना दी गई है.

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कोर्ट ने 20 साल के कारावास की सजा सुनाई

Madhya Pradesh News: उज्जैन (Ujjain) की विशेष न्यायालय ने करीब 11 महीने पहले एक मासूम छात्र का अपहरणकर दुष्कर्म करने के सनसनीखेज मामले में गुरुवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने डीएनए जांच रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने इस केस में दोषी को 20 साल के कारावास की सजा और अर्थ दंड दिया है. इस केस में डीएनए जांच की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है.

4 फरवरी 2023 की है ये घटना...

अंकपात क्षेत्र निवासी बच्चे के साथ जिसकी उम्न 12 साल थी. इसके साथ काजीपुरा निवासी निलेश मोरे ने 4 फ़रवरी 2023 की रात धोखे से अप्राकृतिक कृत्य किया था. इसके बाद उसने ये बात किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी. पीड़ित ने अपने परिजनों को अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया जिसके बाद उसके परिजन चिमनगंज थाने पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी.

दोष सिद्ध होने पर कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा

जिसके बाद पुलिस ने धारा 363, 377, 506 व धारा 4 (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) में केस दर्ज कर निलेश को जेल भेज दिया था. इस मामले में अब तक की सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश (पाॅक्सो एक्ट) ने सभी धाराओं में दोषी सिद्ध होने पर निलेश को 20 साल सश्रम कारावास के साथ दो हजार रूपए के अर्थदण्ड की सजा दी है.

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घटना के बाद शहर में मच गया था हडकंप

बच्चे के साथ घटना होने का पता चलते ही पूरे शहर हड़कंप मच गया था. लोगों ने दोषी को कड़ी सजा की मांग कि थी. नतीजतन घटना में पुलिस ने गवाह नहीं होने पर डीएनए जांच करवाकर भौतिक साक्ष्य जुटाए. जिसके कारण आरोपी पर दोष सिद्ध हो गया.

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