पुलिसवालों की दबंगई पर SP का एक्शन ! अवैध वसूली करने वाले 2 कांस्टेबल सस्पेंड 

Crime News Maihar : मैहर जिले के अमरपाटन थाना में पदस्थ दो पुलिस कर्मियों की काली करतूत से फिर पुलिस विभाग का सिर शर्म से झुक गया. मामला संज्ञान में आते ही मैहर पुलिस SP ने मंगलवार को दोनों कांस्टेबल को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.

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Madhya Pradesh News in Hindi : मैहर जिले के अमरपाटन थाना में पदस्थ दो पुलिस कर्मियों की काली करतूत से फिर पुलिस विभाग का सिर शर्म से झुक गया. मामला संज्ञान में आते ही मैहर पुलिस SP ने मंगलवार को दोनों कांस्टेबल को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. आरोप है कि दो कांस्टेबलों ने दो युवकों को बाइक सहित पकड़ा. इसके बाद उन्हें NDPS एक्ट की कार्रवाई का डर दिखाकर उनसे अवैध वसूली की. पुलिस कर्मियों ने साठ हजार रुपए नकद लिए और 30 हजार रुपए एक पेट्रोल पंप में फोन -पे कराकर वसूली की. जबकि 30 हजार रुपए बाद में प्रबंध कर देने को कहा था. इसके बाद जिला SP ने खबर मिलने के बाद और जांच आरोप प्रमाणित पाने के बाद दोनों को निलंबित कर पुलिस लाइन मैहर से अटैच कर दिया. कांस्टेबल विमलेश कुमार और संतोष पटेल पर अवैध वसूली के आरोप लगे थे.

जानिए क्या था मामला ? 

दरअसल, तीन दिन पहले 11 को कांस्टेबल विमलेश यादव और संतोष पटेल ने दो युवकों को एक बाइक के साथ पकड़ा था. दोनों को अपनी प्राइवेट कार से थानेे लेकर पहुंचे. जहां पीछे तरफ ले जाकर केस दर्ज न करने के एवज में 1 लाख 20 हजार रुपए देने को कहा. कार्रवाई के डर से दोनों युवकों ने अपने-अपने परिजनों से बात कर पैसों का प्रबंध करने को कहा. जिसके बाद बड़ी मुश्किल से 60 हजार कैश का प्रबंध कर पाए. इसके अलावा 30 हजार रुपए फोन-पे पर होने की बात कही. जिसके बाद दोनों आरक्षकों ने कैश लेने के बाद 30 हजार रुपए सरदार पेट्रोल पंप में फोन पे कराया. बताया जाता है कि जिस खाते में रकम डाली गई वह सरदार पेट्रेाल पंप की फर्म बोपारोय ब्रदर्स के नाम पर संचालित है.

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सोशल मीडिया पर हुई थी किरकिरी 

सोशल मीडिया में पुलिसकर्मियों का खेल उजागर होने के बाद जब SP मैहर सुधीर अग्रवाल ने मामले की जांच अमरपाटन SDOP शिवकुमार सिंह को सौंपी तो उन्होंने बिंदुवार जांच की. नशीली दवाओं के कथित तस्करों से संपर्क किया गया. जिन्होंने अपने साथ ही घटना के संबंध में पूरा ब्यौरा पुलिस को सौंप दिया. पेट्रोल पंप में पहुंची रकम के संबंध में भी प्रमाणित सबूत मिले. जिसके बाद आरोपी की पुष्टि हो गई. जब रिपोर्ट एसपी के पास पहुंची तो उन्होंने एक्शन लेने में कोई देर नहीं की. SP की कार्रवाई के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों कांस्टेबल के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जा सकता है. चूंकि, दोनों आरक्षकों ने संदेहियों को पकड़ा और किसी भी वरिष्ठ अधिकारी को सूचना नहीं दी. ऐसे में उनके इरादे साफ पता चलते हैं कि वे वसूली करने के इरादे से ही आए थे.

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