Dhar Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ऐतिहासिक धार (Dhar) शहर के विवादास्पद भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर (Bhojshala-Kamal Maula Masjid) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का सर्वेक्षण बुधवार को लगातार छठे दिन भी जारी रहा. यह सर्वेक्षण मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) के निर्देश पर शुरू किया गया है. भोजशाला (Bhojshala) परिसर में सर्वेक्षण के दौरान हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले आशीष गोयल और गोपाल शर्मा के साथ ही मुस्लिम समुदाय के नेता अब्दुल समद एएसआई दल के साथ मौजूद थे.
50 मीटर के दायरे में हो रही खुदाई
गोयल ने मीडिया को बताया कि एएसआई का दल भोजशाला परिसर के 50 मीटर के दायरे में खुदाई में जुटा है. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को एएसआई को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का 'वैज्ञानिक सर्वेक्षण' करने का निर्देश दिया था. यह परिसर एक मध्ययुगीन स्मारक है जिसे हिंदू समुदाय वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है.
हाईकोर्ट के आदेश पर हो रहा सर्वे
एएसआई ने अदालत के निर्देश पर भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण 22 मार्च को शुरू किया था. एएसआई के सात अप्रैल 2003 को जारी आदेश के अनुसार चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है. माना जाता है कि हिंदू राजा भोज ने 1034 ईस्वी में भोजशाला में वाग्देवी की मूर्ति स्थापित की थी. हिंदू संगठनों का कहना है कि अंग्रेज इस मूर्ति को 1875 में लंदन ले गए थे.
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