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MP में क्यों खास है सिपरी सॉफ्टवेयर एवं प्लानर एप? महाराष्ट्र से स्टडी के लिए मध्य प्रदेश आ रही है टीम

SIPRI Software and Planner App: 6 एवं 7 जून को बिहार सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 4 सदस्यीय दल ने भोपाल आकर सिपरी सॉफ्टवेयर और प्लानर ऐप के बारे में जानकारी भी प्राप्त कर चुका है. वहीं अब महाराष्ट्र की टीम का दौरा है.

MP में क्यों खास है सिपरी सॉफ्टवेयर एवं प्लानर एप? महाराष्ट्र से स्टडी के लिए मध्य प्रदेश आ रही है टीम
SIPRI Software and Planner App: क्यों खास है सिपरी सॉफ्टवेयर और प्लानर एप

SIPRI Software and Planner App: मध्य प्रदेश में बारिश के पानी की हर बूंद को सहेजने और पुराने जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार करने के लिए तीन महीने तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है. 30 जून तक वाले इस अभियान की शुरुआत 30 मार्च को हुई थी. जल गंगा संवर्धन अभियान में मनरेगा परिषद द्वारा किए गए नवाचार को देखने महाराष्ट्र सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का 9 सदस्यीय दल दो दिवसीय दौरे पर मध्यप्रदेश आ रहा है. इस दल में महाराष्ट्र सरकार के मंत्रालय, जिला और विकास खंड स्तर के अधिकारी शामिल है. वाटर शेड विभाग के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी कमलाकर रानादेवी के नेतृत्व में दल के सदस्य 12 जून को भोपाल एवं 13 जून को रायसेन जिले के सांची विकासखंड का दौरा करेंगे.

महाराष्ट्र की टीम इन कामों को देखेगी

महाराष्ट्र से आने वाली टीम फील्ड में जाकर सिपरी साफ्टवेयर खेत तालाब और अमृत सरोवरों के निर्माण स्थल चयन में किस तरह से काम करता है, इसका अध्ययन करेंगे. साथ ही मनरेगा परिषद द्वारा कार्ययोजना को लेकर तैयार किए गए प्लानर ऐप के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे. जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत बारिश के पानी को बचाने के लिए बनाए जा रहे खेत तालाब, अमृत सरोवर और कूप रिचार्ज पिट का कार्य भी देखेंगे. इसके पहले 6 एवं 7 जून को बिहार सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 4 सदस्यीय दल ने भोपाल आकर सिपरी सॉफ्टवेयर और प्लानर ऐप के बारे में जानकारी भी प्राप्त कर चुका है.

सिपरी की मदद से खेत तालाब, अमृत सरोवर का चयन

प्रदेश में पहली बार खेत-तालाब और अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए स्थल का चयन वैज्ञानिक पद्धति से किया गया है. इसके लिए मनरेगा परिषद द्वारा सिपरी सॉफ्टवेयर की मदद ली गई है. जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की मनरेगा योजना में सभी जिलों में 78 हजार 950 खेत तालाब, 99 हजार 320 कूप रिचार्ज पिट और 1 हजार 254 अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा है. साथ ही 2 लाख 30 हजार 749 जलदूतों ने पंजीयन कराया है.

क्या है सिपरी सॉफ्टवेयर एवं प्लानर एप?

सिपरी (सॉफ्टवेयर फॉर आइडेंटीफिकेशन एंड प्लानिंग ऑफ रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर) सॉफ्टवेयर एक उन्न्त तकनीक का सॉफ्टवेयर है, जिसे महात्मा गांधी नरेगा, मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद, भोपाल द्वारा एमपीएसईडीसी और इसरो के सहयोग से तैयार कराया गया है. इस साफ्टवेयर का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के लिए उपयुक्त स्थलों की सटीक पहचान कर गुणवत्तापूर्ण संरचनाओं का निर्माण सुनिश्चित करना है. साथ ही यह भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित वैज्ञानिक पद्धतियों से जल सरंचना स्थलों के चयन को अधिक सटीक बनाता है.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मनरेगा परिषद द्वारा एक प्लानर एप बनाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य है मनरेगा के उद्देश्यों एवं प्रावधानों का पालन कराते हुए कार्ययोजना को आसान तरीके से बनाया जाना. ऐप के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर लिए जाने वाले कार्यों की वार्षिक कार्ययोजना तैयार की जाती है. मध्यप्रदेश इस तरह का नवाचार करने वाला देश का पहला राज्य है.

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