लोकसभा चुनाव 2024 में मध्यप्रदेश में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है और एक प्रकार से पूरे देश में पार्टी की लाज बचा ली. लेकिन इस परिणाम में एक शख्स है जो ब्रांड बनकर उभरा है...वो है पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान. उन्होंने विदिशा लोकसभा सीट पर 8,20,868 वोटों से धमाकेदार जीत हासिल की है. ये भारत में चुनावों के इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी जीत बताई जा रहा है. हालांकि उन्हीं के पार्टी के शंकर लालवानी ने इंदौर की सीट पर 11 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है जो देश में सबसे ज्यादा है. लेकिन इस जीत की पृष्ठभूमि पहले से तैयार हो चुकी थी. वहां प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का कोई प्रत्याशी था ही नहीं. लिहाजा शिवराज की जीत को सही मायने में बड़ी सियासी जीत मानी जा रही है वो भी तब जब छह महीने पहले ही विधानसभा चुनाव में बंपर जीत मिलने के बाद उन्हें पार्टी ने फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाया. <
20 साल बाद लौटे और छा गए
अहम बात ये है कि शिवराज करीब 20 साल बाद विदिशा सीट पर लौटे हैं...वे इससे पहले यहां पांच बार सांसद रहे चुके हैं. इस सीट पर उन्हें 11,16,460 वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानू शर्मा को 2,95,052 वोट ही मिले. ये भानू प्रताप वही प्रत्याशी हैं जिन्हें अपने पहले आम चुनाव में भी शिवराज ने मात दी थी. अहम ये भी है कि इस सीट पर 11 दूसरे प्रत्याशियों में सिर्फ बसपा के किशनलाल को ही 10 हजार से अधिक वोट मिले. देखा जाए तो शिवराज की ये जीत कई मायनों में अहम है. ऐसी स्थिति में जब देश के इलाकों में बीजेपी के बड़े-बड़े दिग्गज अपना गढ़ नहीं बचा पाए वहां शिवराज ने रिकॉर्ड जीत कर बड़ा संदेश दिया है. इससे पहले भी उनके CM रहते ही बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में 230 में से 163 सीटों पर जीत हासिल की थी. यदि आप याद करें तो चुनाव में जीत मिलने के तुरंत बाद शिवराज सिंह चौहान सबसे पहले छिंदवाड़ा ही गए थे. तब उन्होंने कहा था- मेरा अगला लक्ष्य पूरे प्रदेश की सभी 29 सीटों पर बीजेपी को जीत दिलाना है. ऐसे ये भी कहा जा रहा है कि छिंदवाड़ा में मिली जीत में शिवराज का भी जलवा रहा है. कुल मिलाकर शिवराज अब एक ब्रांड बन चुके हैं और केन्द्र में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने की पूरी संभावना है.
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