CM मोहन यादव का ऐलान- MP में बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों के लिए बनेगी बटालियन, जानिए क्या होगा लाभ?

MP News: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए कई योजनाएं प्रदेश में चलाई जा रही हैं. उन्हीं में से एक स्कीम शौर्य संकल्प योजना है. इस योजना के तहत मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि बैगा, भारिया और सहरिया समुदाय के युवाओं के लिए बटालियन गठित की जाए और इन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए सेना, पुलिस और होमगार्ड की ट्रेनिंग दी जाए.

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Shaurya Sankalp Yojana: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जनजातीय कार्य विभाग की शौर्य संकल्प योजना के अंतर्गत प्रदेश में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह बैगा (Baiga), भारिया (Bhariya) एवं सहरिया (Sahariya) के लिये अलग से बटालियन गठित की जाएगी. साथ ही इन जनजातीय समूह के इच्छुक युवाओं को पुलिस (Police), सेना (Army) एवं होमगार्ड (Home Guard) में भर्ती कराने के लिये इन्हें आवश्यक प्रशिक्षण दिया जायेगा. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) के युवाओं को रोजगार एवं सेवा से जोड़ने के लिये पीवीटीजी बटालियन बनाने के निर्देश दिये हैं.

क्या है प्लान?

प्रदेश में बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजाति पीवीटीजी समूह में आती हैं. इसी प्रकार आर्मड फोर्सेस में भर्ती के लिये प्रशिक्षण योजना में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवाओं को नेवी, आर्मी, एयरफोर्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, पुलिस, होमगार्ड एवं अन्य निजी सुरक्षा एजेन्सियों में भर्ती कराने के लिये इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. इसके लिये कार्ययोजना तैयार की जा रही है.

अलग-अलग विकास प्राधिकरण

जनजातीय कार्य विभाग में विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये संचालक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों के विकास के लिए योजना बनाने एवं इनका क्रियान्वयन के लिये एजेन्सी भी कार्यरत है. यह एजेन्सी निरंतर योजनाओं के अमल की मॉनिटरिंग भी करती है. एजेन्सी का कार्यक्षेत्र प्रदेश के 15 जिलों में हैं. विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिये राज्य स्तरीय प्राधिकरण एजेन्सियों का गठन भी किया गया है. हर प्राधिकरण में विशेष पिछड़ी जनजातीय वर्ग के व्यक्ति को अध्यक्ष तथा तीन अशासकीय सदस्यों को मनोनीत किया जाता है. इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिये योजना बनाने एवं योजनाओं का क्रियान्वयन करने के लिये प्रदेश में 11 प्राधिकरण कार्यरत हैं.

बैगा विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में 6 जिले (मण्डला, शहडोल, बालाघाट, उमरिया, डिण्डौरी एवं अनूपपुर) आते हैं. भारिया विकास प्राधिकरण में (पातालकोट) के कार्यक्षेत्र में छिन्दवाड़ा जिले के तामिया विकासखण्ड के पातालकोट क्षेत्र के 12 गांव आते हैं. सहरिया विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में 8 जिले (श्योपुरकलां, मुरैना, भिण्ड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, ग्वालियर एवं दतिया) आते हैं.

आहार अनुदान राशि

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विशेष पिछडी जनजातीय समूहों को आहार अनुदान भी दिया जाता है. इन समूहों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिये सरकार द्वारा बैगा, भारिया एवं सहरिया परिवारों की महिला मुखिया के बैंक खाते में 1500 रुपये हर महीने दिये जा रहे हैं. चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 31 अगस्त 2024 तक 2 लाख 18 हजार 563 हितग्राहियों को कुल 180 करोड़ रुपये से अधिक आहार अनुदान राशि दी जा चुकी है.

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