Seoni Hawala Case: MP में पहली बार पुलिसकर्मियों पर बड़ा एक्शन, 11 के खिलाफ FIR, 5 गिरफ्तार

Seoni Hawala Case: 8 अक्टूबर को रात चेकिंग अभियान के दौरान, बंडोल थाना प्रभारी और एसडीपीओ पूजा पांडे के कार्यालय के कर्मचारियों ने सिलादेही के जंगल में एक चार पहिया वाहन को रोका. हालांकि, नकदी जब्त करने के बजाय, उन्होंने चालक के साथ मारपीट की, उसे भगा दिया और उसे हड़पने की कोशिश की.

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Seoni Hawala Case: MP में पहली बार पुलिसकर्मियों पर बड़ा एक्शन, 11 के खिलाफ FIR, 5 गिरफ्तार

Seoni Hawala Case: सिवनी जिले के लखनवाडा थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 310 (दो) डकैती धारा 140 (तीन) किडनैपिंग और धारा 61 (2 ) आपराधिक षडयंत्र सहित अन्य धाराओं में आरोपी पुलिसकर्मियों पर प्रकरण दर्ज किया गया है. वहीं अब एसडीओपी पूजा पांडे को गिरफ़्तार कर लिया गया है. मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है, जिसकी बदौलत सिवनी हवाला मनी लूट मामले में पुलिस कर्मियों पर गाज गिरी है, 11 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर हुई है वहीं पांच गिरफ़्तार हो चुके हैं.

इससे पहले ये एक्शन हुआ

मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने शुक्रवार 10 अक्टूबर को महाराष्ट्र भेजे जा रहे हवाला के पैसों के कथित गबन मामले में बड़ी कार्रवाई की थी. डीजीपी ने उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) पूजा पांडे को निलंबित कर दिया था. डीजीपी मकवाना ने एसडीपीओ पूजा पांडे को निलंबित करने का आदेश ऐसे समय दिया था जब एक दिन पहले ही सिवनी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुनील कुमार मेहता ने गुरुवार को इस मामले में शामिल नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.

क्या है मामला?

पुलिस के अनुसार, बुधवार 8 अक्टूबर को रात चेकिंग अभियान के दौरान, बंडोल थाना प्रभारी और एसडीपीओ पूजा पांडे के कार्यालय के कर्मचारियों ने सिलादेही के जंगल में एक चार पहिया वाहन को रोका. हालांकि, नकदी जब्त करने के बजाय, उन्होंने चालक के साथ मारपीट की, उसे भगा दिया और उसे हड़पने की कोशिश की.

कथित अपराध तब प्रकाश में आया जब ड्राइवर और पैसे भेजने वाले एक व्यापारी ने पुलिस से संपर्क किया. जब पुलिसकर्मियों पर लगे गंभीर आरोप जबलपुर और भोपाल के उच्च अधिकारियों तक पहुंचे, तो जबलपुर के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा ने गुरुवार को मामले की जांच के आदेश दिए.

घटना की जांच जबलपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आयुष गुप्ता को सौंपी गई, जिन्होंने गुरुवार सुबह जांच शुरू की और अपनी रिपोर्ट पुलिस महानिरीक्षक वर्मा और पुलिस महानिदेशक मकवाना को सौंप दी. जांच के दौरान, यह पाया गया कि पुलिस दल ने हवाला के पैसों के बारे में अपने वरिष्ठों को भी सूचित नहीं किया था. उनका पर्दाफाश तब हुआ जब गुरुवार सुबह पैसा गंवाने वाले व्यापारी ने कोतवाली पुलिस स्टेशन पहुंचकर पूछताछ की. आयुष गुप्ता की जांच के आधार पर, सिवनी एसपी ने बंडोल थाना प्रभारी उपनिरीक्षक अर्पित भैरम, हेड कांस्टेबल माखन और रवींद्र उइके, कांस्टेबल जगदीश यादव, योगेंद्र चौरसिया, रितेश (ड्राइवर), नीरज राजपूत, केदार और सदाफल सहित पुलिसकर्मियों के निलंबन का आदेश जारी किया था.

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