Sehore: 'ग्राम चिकित्सालय' को लेकर 'पंचायत'; एक कमरे में चल रहा उप स्वास्थ्य केन्द्र, कई गांव परेशान

Sehore Panchayat Bhawan: ग्राम मुस्कुरा करीब एक दर्जन से अधिक गांव का सेंटर है. इस बात को देखते हुए यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किया गया था. वर्ष 2022 में इसका वर्कआर्डर जारी किया गया, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन 18 महीने में बनकर तैयार होना था. यह भवन 1 करोड 64 लाख रुपये की लागत से बनाया जा रहा है. लेकिन सरकारी नियमों को धता बताकर ठेकेदार यहां मनमानी तरीके से निर्माण कार्य कर रहा है.

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MP News: सीहोर में 'ग्राम चिकित्सालय' को लेकर क्यों चल रही है 'पंचायत'

MP News: ग्रामीण क्षेत्रों में त्वरित और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सके इसके लिए सरकार बड़ा बजट खर्च कर रही है. दूरस्थ अंचलों से ग्रामीण लोगों को इलाज के लिए मुख्यालय तक न आना पड़े और समय पर ही उन्हें गांव में बेहतर इलाज मिले इसके लिए सरकार द्वारा संजीवनी आरोग्य मंदिर, उप स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाए जा रहे हैं. इनमें मेडिकल ऑफिसर से लेकर नर्सिंग स्टाफ की भी नियुक्ति की जा रही है. बावजूद इसके सीहोर जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं. जिले के श्यामपुर ब्लाक के अनेकों गांव ऐसे हैं जो आज भी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं.

तीन साल से भवन अधूरा, एक कमरे में स्वास्थ्य केंद्र

ग्राम मुस्करा में तीन साल से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन अधूरा है. निर्माण अवधि बीते एक साल हो चुका है, लेकिन ठेकेदार की मनमानी इस कदर हावी है कि वह भवन निर्माण में लेटलतीफी कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार भी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं. वहीं दूसरी और ग्राम मुस्करा में पंचायत भवन के एक कमरे में उप स्वास्थ्य केन्द्र बीते साल चारों से संचालित हो रहा है. ऐसे में ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं.

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ग्राम मुस्कुरा करीब एक दर्जन से अधिक गांव का सेंटर है. इस बात को देखते हुए यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किया गया था. वर्ष 2022 में इसका वर्कआर्डर जारी किया गया, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन 18 महीने में बनकर तैयार होना था. यह भवन 1 करोड 64 लाख रुपये की लागत से बनाया जा रहा है. लेकिन सरकारी नियमों को धता बताकर ठेकेदार यहां मनमानी तरीके से निर्माण कार्य कर रहा है.

तीन साल बीतने के बाद भी भवन अधूरा है और हेल्थ डिपार्टरमेंट को हेंडओवर नहीं किया गया है. जबकि यदि समय से भवन बनकर तैयार हो जाता था इससे एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों को फायदा मिलता.

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इन गांव के लोगों को मिलता फायदा

ग्राम मुस्कुरा, लालाखेडी, आमला, कडारिया, विशनखेडी, जाटखेडी,हैदरगंज, खारपा, सौंडा, मुलानी, डेंगी और छापरी गांव के लोगों को इसका फायदा मिलता. वर्तमान में इन लोगों के लोगों को मामूली उपचार के लिए भी सीहोर जिला मुख्यालय आना पडता है. जिसमें उनका काफी समय खर्च होता है. जबकि बारिश के दिनों में तो और भी ज्यादा ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पडता है. समय पर भवन न बनने से ग्रामीणों में काफी नाराजगी है. ग्रामीणों का कहना है कि आखिर कब भवन तैयार होगा और उन्हें कब अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी?

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