Bhaironda Farmers Protest: सीहोर जिले की भैरूंदा तहसील में किसानों का आक्रोश सड़कों पर दिखाई दिया. किसान स्वराज संगठन के तत्वावधान में बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के किसान ट्रैक्टरों के साथ नगर की सड़कों पर रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. किसानों ने कहा कि इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है, लेकिन सरकार से मिली बीमा राशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है.
सीहोर में किसानों का ट्रैक्टर रैली के साथ विरोध
किसानों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने 13 से अधिक जिलों के प्रभावित किसानों के खाते में राहत राशि तो डाली, लेकिन सीहोर जिला इससे वंचित रह गया. इस उपेक्षा ने किसानों की नाराजगी और बढ़ा दी है.
किसानों ने भावांतर योजना को तत्काल बंद कर समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग की. इसके अलावा मक्का की खरीदी एसपी (समर्थन मूल्य) पर करने, भूमि अधिग्रहण बल के मामलों में उचित मुआवजा देने और बिजली विभाग द्वारा किसानों पर बनाए गए कथित झूठे प्रकरणों को समाप्त करने की मांग उठाई.
इस साल सोयाबीन की बर्बाद फसल
ग्राम झिरनिया के किसान मोहनलाल ने अपने खेत में खड़ी सोयाबीन की फसल को ट्रैक्टर-कल्टीवेटर से जोत दिया. उनका कहना है कि लगातार बारिश से सोयाबीन की फलियों में दाना नहीं बन पाया और पूरी फसल नष्ट हो गई. उन्होंने बताया कि पहले ही कर्ज लेकर फसल बोई थी, अब आगामी बुवाई के लिए फिर से कर्ज लेना पड़ेगा, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति और अधिक बिगड़ जाएगी.
किसानों ने दी चेतावनी
भैरूंदा तहसील के किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सरकार जल्द ध्यान नहीं देती तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा. किसानों का कहना है कि कृषि संकट लगातार गहराता जा रहा है और सरकार केवल योजनाओं के नाम पर खानापूर्ति कर रही है. भैरूंदा की सड़कों पर किसानों की ट्रैक्टर रैली ने साफ संकेत दे दिया है कि अन्नदाता अब चुप बैठने वाला नहीं है.