सब पढ़ें... सब बढ़ें... शिक्षा विभाग में ₹47 लाख का खेला, दूसरे खातों में ट्रांसफर की सैलरी, ऐसे पकड़ी गड़बड़ी

MP News: लाखों रुपये का यह गबन जिले की डबरा तहसील क्षेत्र में हुआ है. यहां शिक्षा विभाग के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से घपला हुआ है. यह घोटाला कोष एवं लेखा विभाग ने पकड़ा है. इसमें पता चला कि विभाग के लोगों ने शिक्षा विभाग के अनेक कर्मचारियों के वेतन और भत्तों का पैसा असम्बन्धित बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया यही नहीं उन पैसों को निकाल भी लिया गया है.

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Scam in Education Department: सर्व शिक्षा अभियान का नारा है सब पढ़ें... सब बढ़ें... मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ऐसा ही एक घोटाला सामने आया है. यहां पीएचई विभाग में हुए बड़े घोटाले के बाद अब शिक्षा विभाग (Education Department) में भी बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. इसमें कर्मचारियों की सैलरी (Employees Salaries) और अन्य मदों का लगभग 47 लाख रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर कर गबन कर लिया गया. चौंकाने वाली बात ये है कि इतना बड़ा आर्थिक घोटाला होने के बावजूद विभाग ने अभी तक इस मामले की जांच पुलिस (Police) को नहीं सौंपी गई है.

कहां और कैसे हुआ?

लाखों रुपये का यह गबन जिले की डबरा तहसील क्षेत्र में हुआ है. यहां शिक्षा विभाग के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से घपला हुआ है. यह घोटाला कोष एवं लेखा विभाग ने पकड़ा है. इसमें पता चला कि विभाग के लोगों ने शिक्षा विभाग के अनेक कर्मचारियों के वेतन और भत्तों का पैसा असम्बन्धित बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया यही नहीं उन पैसों को निकाल भी लिया गया है. अब तक ऐसे 47 लाख रुपये का गबन प्रकाश में आ चुका है.

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सॉफ्टवेयर से पकड़ में आया यह गबन

सूत्रों के अनुसार ब्लॉक शिक्षा कार्यालय में ये गबन वर्ष 2018 से 2024 की बीच की अवधि में हुआ. कोष एवं लेखा के भोपाल मुख्यालय में सेंट्रल सॉफ्टवेयर ने असम्बन्धित खातों में पैसे ट्रांसफर किये गए इस गबन को उजागर किया है. इसके बाद अधिकारियों ने इसकी जांच और पड़ताल शुरू की. उन्होंने संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा ग्वलियर के नेतृत्व में एक जांच टीम बना दी जो मामले की बिंदुवार पड़ताल करेगी.

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अधिकारी का क्या कहना है?

इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार का कहना है डबरा विकास खंड शिक्षा कार्यालय है जिसके सम्बन्ध में ये जानकारी प्राप्त हो रही है कि वहां से 47 लाख रुपये की राशि दूसरे खातों में चली गयी है. ये वर्ष 2018 से 2024 तक की राशि बताई जा रही है. पता चला है कि इस मामले की जांच के लिए ट्रेजरी के जेडी द्वारा एक जांच दल गठित किया गया है. यद्यपि हमे अभी तक इसका ऑफिशियल लेटर नहीं मिला है, लेकिन हमने जो जानकारी प्राप्त की है तो इसमें कहीं न कहीं लोगों की चूक है, क्योंकि इस प्रक्रिया में अनेक लोग काम करते हैं. यह गड़बड़ी किस स्तर पर हुई है, इसकी जांच की जा रही है. जांच में निकलकर आएगा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है.

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