
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सतना में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जिला अस्पताल में मेडिकल टीम ने साढ़े 14 साल की बच्ची के 28 सप्ताह का मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) यानि गर्भपात किया. दरअसल, दुष्कर्म पीड़िता गर्भवती थी और मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार गर्भावस्था जारी रखना उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक था.
जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने मेडिकल रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए माता-पिता की पुन: काउंसलिंग के निर्देश जारी करते हुए सभी संभावित जोखिमों की जानकारी से अवगत कराने के निर्देश दिए थे. हाई कोर्ट के आदेश पर हुई पुन: काउंसलिंग के बाद माता.पिता ने गर्भपात पर सहमति प्रदान कर दी.
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने लिखा था पत्र
सतना जिला न्यायालय ने साढ़े 14 वर्षीय रेप पीड़िता बच्ची के गर्भवती होने के संबंध में हाईकोर्ट को पत्र के माध्यम से सूचित किया था. जिसकी सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप हाईकोर्ट कर रहा था. याचिका की सुनवाई के दौरान मेडिकल बोर्ड की तरफ से पेश रिपोर्ट में बताया गया था कि गर्भावस्था जारी रखना हानिकारक है. पीडि़ता के माता-पिता गर्भावस्था जारी रखना चाहते हैं और गर्भपात की अनुमति प्रदान नहीं कर रहे हैं.
मेडिकल टीम ने की सुरक्षित एमटीपी
हाईकोर्ट के निर्देश पर सिविल सर्जन ने बालिका के गर्भपात के लिए मेडिकल टीम बनाई थी. इस टीम में स्त्रीरोग विशेषज्ञ और मेटरनिटी विंग की एचओडी डॉ. मंजू सिंह, डॉ. सुनील पाण्डेय, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विजेयता राजपूत एवं डॉ. हर्षिका सिंह को शामिल किया गया था. जानकारी के मुताबिक गर्भपात के बाद बालिका स्वस्थ है और फिलहाल जिला अस्पताल में ही भर्ती है.
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