मोबाइल फोन चोरी हुआ और देखते ही देखते खाते से साफ हो गए 85 हजार रुपए, क्या मध्य प्रदेश में भी आ गए जामताड़ा के ठग?

Fraud Incident: शिक्षक की रकम मध्य प्रदेश से बाहर बिहार में भी ट्रांसफर हुई है. जो साबित करता है कि साइबर ठगी गिरोह ने इन दोनों राज्यों में जमीनी स्तर पर नेटवर्क खड़ा कर लिया है.

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Madhya Pradesh: जामताड़ा ( झारखंड) के साइबर ठग- लुटेरे मध्य प्रदेश में भी आ चुके हैं. आपको इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा है? आगे खबर पढ़िए तो आप भी अपने दांतों तले अंगुली दबा लेंगे. बीते 16 जून दिन रविवार को सरकारी स्कूल के एक शिक्षक धनीराम लड़िया सागर (Sagar) की नई सब्जी मंडी, तिलकगंज आए थे. इसी दौरान सुबह 9 से 9.30 बजे के बीच उनका मोबाइल चोरी हो गया. धनीराम ने तुरंत कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. लेकिन पुलिस कुछ कर पाती इससे पहले ही साइबर ठगों ने अपना काम दिखा दिया.

पुलिस कर रही है मामले की जांच

मोबाइल चोरी होने के बाद होने लगा खेल

मोबाइल चोरी होने के कुछ मिनट बाद ही धनीराम के बैंक खाते से राशि यहां-वहां ट्रांसफर होने लगी. अज्ञात ठगों ने  महज 10-12 घंटे में कुल 85 हजार रुपए उड़ा लिए. वह तो गनीमत थी कि शिक्षक लड़िया के इस एकाउंट की डेली ट्रांजिक्शन लिमिट 1 लाख रुपए तक ही थी. इसलिए ठग उनसे केवल 85 हजार रुपए ही ठग पाए. इस घटनाक्रम में सबसे खास बात ये है कि मोबाइल चोरी होने के चंद मिनट के भीतर ही ठगों ने उसमें से पैसे ट्रांसफर करना शुरु कर दिया था. संभव है कि जो लोग मोबाइल चोरी कर रहे हैं वही इस साइबर ठगी के एक्सपर्ट हैं या फिर मोबाइल चोर, इन साइबर ठगों के सम्पर्क में हैं.

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बिहार में भी ट्रांसफर हुई रकम

शिक्षक की रकम मध्य प्रदेश से बाहर बिहार में भी ट्रांसफर हुई है. जो साबित करता है कि साइबर ठगी गिरोह ने इन दोनों राज्यों में जमीनी स्तर पर नेटवर्क खड़ा कर लिया है. दूसरी ओर इस मामले की जिला पुलिस बल की जो साइबर सेल जांच कर ही रही है उसे ठगी करने वालों के कुछ सुराग मिले हैं. इनमें ठगी में शामिल एक युवक का CCTV फुटेज भी शामिल है.

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अज्ञात लड़के का सीसीटीवी फुटेज मिला

शिक्षक लड़िया ने बताया कि मेरे पास एक  मोबाइल नंबर से फोन आया था. उस व्यक्ति का कहना था कि मैं सतना से बोल रहा हूं. मैं एक बैंक का क्योस्क (ग्राहक सेवा केंद्र) चलाता हूं. मेरे पास एक 18-20 साल का लड़का आया था और मुझसे 20,000 रूपए मांगने लगा, उसके पास धनीराम लड़िया का आधार कार्ड भी था. मैंने उससे खुद का आधार कार्ड मांगा जो उसने नहीं दिया. कुछ देर बहस करने के बाद चला गया. फिर मैंने 20,000 रुपए जो धनीराम लड़िया के खाते से आए थे. उन्हें उसी खाते में रिटर्न कर दिए. इस अज्ञात लड़के का सीसीटीवी फुटेज भी जिला साईबर सेल को भेज दिया गया है. रकम मांगने वाले लड़के का नाम माही महेश था उसका नंबर अब बंद आ रहा है.

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जानकारी पुलिस के लिए हो सकती हैं सहायक

शिक्षक लड़िया ने बताया कि एक दूसरा कॉल शत्रुधन कुमार बिहार से आया था. उसने बताया कि धनीराम लड़िया के फोन-पे से 17 जून को 10,100 आए थे. कुछ देर बाद एक महिला आई उसने 100 काटकर 10,000 की मांग की. जो शत्रुघ्न ने दे दिए, वह महिला अज्ञात बताई जा रही है. शिक्षक लड़िया का कहना है कि उक्त जानकारी पुलिस के लिए जांच में सहायक होगी.

इस घटना से साफ है कि ठगों ने पूरा जाल बिछाकर ये काम किया है. संभव हो कि उनके साइबर ठगों से अच्छे संबंध हो या फिर ये लोग खुद इस गिरोह का हिस्सा हों.

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