मऊगंज पुलिस की बेरहमी! मामूली बात पर प्लास से उखाड़ी चोटी, थाना प्रभारी लाइन अटैच

MP News: मध्य प्रदेश के मऊगंज में पुलिस वालों ने एक युवक के साथ जमकर मारपीट की गई. इतना ही नहीं युवक की चोटी भी उखाड़ ली गई और उसका जनेऊ भी तोड़ दिया. इस घटना के बाद पुलिसकर्मी विवेकानंद यादव को निलंबित कर दिया गया है, जबकि शाहपुर थाना प्रभारी बीसी विश्वास को लाइन अटैच कर दिया गया है.

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मध्य प्रदेश के मऊगंज के शाहपुर थाने में एक गंभीर मामला सामने आया है. यहां पुलिस वालों ने एक युवक के साथ जमकर मारपीट की है. इतना ही नहीं यहीं पुलिस ने युवक की प्लास से चोटी भी उखाड़ ली और उसका जनेऊ भी तोड़ दिया. अब ये मामला सियासी तूल पकड़ लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की.

थाना प्रभारी को किया गया लाइन अटैच 

हालांकि मऊगंज पुलिस अधीक्षक रचना ठाकुर ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिसकर्मी विवेकानंद यादव को निलंबित कर दिया है, जबकि शाहपुर थाना प्रभारी बीसी विश्वास को लाइन अटैच कर दिया गया है.

दरअसल, सोमवार को बड़ी संख्या में लोग मऊगंज पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मोहन सरकार को घेरा

प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा सरकार ने मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में पुलिस वालों की भर्ती की है या गुंडों की? शाहपुर में ब्राह्मण युवक नरेंद्र मिश्र, जिसने शराब माफिया के खिलाफ आवाज उठाई, उस पर पुलिस ने बर्बरता से हमला किया, जिसके बाद इन वर्दी वाले गुंडों ने ब्राह्मण भाई की चोटी उखाड़ी, जो न केवल अमानवीय कृत्य है, बल्कि हिंदू परंपराओं का भी अपमान है.

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उन्होंने  आगे लिखा, 'आखिर कब तक मेरे प्रदेश में माफिया सरकार का जंगलराज बना रहेगा? मुख्यमंत्री जी को तुरंत ऐसे पुलिस अधिकारियों को निलंबित करके कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, अन्यथा थाने में बैठकर पूरी कांग्रेस पार्टी के साथ मैं खुद FIR लिखवाऊंगा.'

क्या है पूरा मामला 

यह मामला नवगठित मऊगंज जिले के शाहपुर थाना के पहाड़ी गांव का है. यहां एक तेज रफ्तार अनियंत्रित फोर व्हीलर वाहन ने बाइक सवारीको टक्कर मार दी थी. इस घटना में 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसमें से आशीष साकेत (25 वर्ष) की संजय गांधी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी.

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स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

स्थानीय लोगों के मुताबिक, दुर्घटनाग्रस्त हुए वाहन के माध्यम से कोरेक्स और दारू की तस्करी की जा रही थी. वहीं लोगों का आरोप था कि पुलिस वालों ने आरोपियों को मौके से भगा दिया. आशीष साकेत की मौत के बाद परिजनों ने न्याय न मिलने से बीते शनिवार की शाम 4:00 बजे शाहपुर पहाड़ी मार्ग बराव मोड में शव रखकर चक्का जाम कर दिया था. लगभग 8 घंटे तक यातायात प्रभावित रहा और इस पूरे मामले में पुलिस ने लगभग 17 लोगों के खिलाफ सड़क बंद करने और यातायात प्रभावित करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.

युवक के साथ बेरहमी से की गई मारपीट

वहां ग्रामीण नरेंद्र मिश्रा सहित मृतक साकेत का पूरा परिवार मौजूद था. पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया. वहीं इस मामले के कुछ घंटे बाद अचानक शाहपुर पुलिस आई और नरेंद्र मिश्र को उठाकर अपने साथ ले गई, जहां कथित तौर पर नरेंद्र मिश्रा की चोटी उखाड़ ली और उसका जनेऊ भी तोड़ दिया. इस दौरान नरेंद्र मिश्रा के साथ बेरहमी से मारपीट की गई.

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