Madhya Pradesh: टंकी में पानी भरा तो टंकी ही टूट गई. जी हां टंकी में पहली ही बार पानी भरा गया था और टंकी पानी का वजन ही नहीं झेल पाई और भरभरा कर ढह गई. वो तो अच्छा हुआ कि इस घटना के समय मजदूर वहां से भाग गए वर्ना जान की हानि भी हो सकती थी. लापरवाही और भ्रष्टाचार की ये नई मिसाल मध्य प्रदेश के रीवा जिले से सामने आई है. ये घटना एमपी और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे हुए जवा तहसील के लूक ग्राम पंचायत के संगी टोला में घटी है. ये टंकी आज से लगभग पांच महीने पहले जल जीवन मिशन के तहत बनाई गई थी और देखिए पहली बार पानी भरते ही ये भरभरा कर गिर गई. सोचिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की सबसे महत्वाकांक्षी योजना का दूर - दराज के इलाकों में क्या हाल होगा.
सीईओ ने कहा कर दिया था कंपनी को टर्मिनेट
टंकी गिरी तो गिरी लेकिन ये गनीमत रही कि वहां पर काम कर रहे मजदूर वहां से भाग गए, नहीं तो एक बहुत बड़ा हादसा हो सकता था. कई लोगों की जान भी जा सकती थी. इस हादसे के बाद जिला पंचायत सीईओ कहते हैं हमने घटिया काम के चलते पहले ही कंपनी को टर्मिनेट कर दिया था. अब उसको ब्लैक लिस्टेड भी कर देंगे. हमने उसका एक भी भुगतान नहीं किया है. सवाल यही है कि घटिया निर्माण हो रहा था तो पानी की टंकी पूरी तरीके से कैसे बन गई.
गांव-गाव पानी पहुंचाने के लिए सरकार ने दिया बेशुमार पैसा
जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. हर घर को शुद्ध पेयजल देश के प्रधानमंत्री का सपना है. जिसके चलते बेशुमार पैसा गांव-गांव पानी पहुंचाने के लिए सरकार ने दिया है. लेकिन इस पर कुछ गलत लोगों की नजर इस पर पड़ गई. और उन्होंने इसे गलत तरीके से भ्रष्टाचार करने का एक मौका समझ लिया. उम्मीद तो थी कि हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचे, लेकिन सवाल ये उठता है कि कैसे है इतने घटिया निर्माण के चलते यह योजना पूरी होगी और लोगों को शुद्ध जल मिल भी पाएगा?
ये भी पढ़ें MP News: इंदौर पुलिस ने जीता दिल, करीब 50 लाख के मोबाइल फोन जब्त कर, उनके मालिकों को सौंपे