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क्या इस कफ सिरप से बच्चों की किडनी हो रही फेल, कहीं आपके बच्चे भी तो नहीं पी रहे हैं जानलेवा सिरप !

कफ सिरप से बच्चों की किडनी फेल होने के खुलासे के बाद छिंदवाड़ा कलेक्टर ने कोल्ड्रिफ Coldrif और नेक्सट्रॉस डीएस Nextro-DS कफ सिरप बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही पेरेंट्स, डॉक्टर और मेडिकल संचालकों के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है.

Chhindwara Children Death Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छिंदवाड़ा (Chhindwara) में किडनी फेल होने से 7 बच्चों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चों की किडनी कफ सिरप की वजह से फेल हुई. दरअसल, बच्चों को जो कफ सिरप दिया गया था, उसमें डायएथिलीन ग्लायकॉल केमिकल में गड़बड़ी होने का संदेह है.

इस खुलासे के साथ ही छिंदवाड़ा कलेक्टर ने कोल्ड्रिफ Coldrif और नेक्सट्रॉस डीएस Nextro-DS कफ सिरप बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही पेरेंट्स, डॉक्टर और मेडिकल संचालकों के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है.

सीएम ने जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई के दिए संकेत

छिंदवाड़ा में कफ सिरप से 7 बच्चों की मौत का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है. इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संवेदनशीलता दिखाते हुए कहा है कि किसी भी शिकायत पर सरकार तुरंत कार्रवाई करती है. उन्होंने कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट जांच और कार्रवाई में जुटा है. उन्होंने दोषी पाए जाने पर कंपनी और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए. 

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'डैथ ड्रग' की ऐसे मिली जानकारी

गौरतलब है कि 20 सितंबर के बाद से छिंदवाड़ा के अलग-अलग हिस्सों में सर्दी-खांसी और बुखार के बाद कई बच्चों की यूरिन बंद हो गई थी. सीएमएचओ डॉ.नरेश गोनारे ने बताया कि पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त को सामने आया था. इसके बाद पहली मौत 7 सितंबर को हुई थी. शुरुआती लक्षणों में बच्चों को तेज बुखार और पेशाब करने में कठिनाई हो रही थी. जिन बच्चों को ये समस्या हो रही थी, उन्हें नागपुर रेफर किया गया था. वहां इलाज चला, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. इसके बाद उन बच्चों की किडनी की बायोप्सी जांच कराई गई. इसमें खुलासा हुआ कि कफ सिरप में मिला डायएथिलीन ग्लायकॉल दूषित पाया गया है.

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 जांच में ये बात भी सामने आई है कि किडनी खराब होने से जान गंवाने वाले ज्यादातर बच्चों को इसी कॉम्बिनेशन का सिरप दिया गया था. कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा कि किडनी फेल होने की वजह से मौत हुई है. लिहाजा, इसकी जानकारी इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च दिल्ली की टीम को दे दी गई है. उन्होंने बताया कि टीम ने यहां कई स्तर पर जांच की. हमने भी बच्चों के ब्लड सैंपल पुणे के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट भेजे थे, जिन गांव के बच्चों की मौत हुई है, वहां के पानी की भी जांच कराई गई. पानी की जांच में ऐसा कोई इन्फेक्शन नहीं मिला. ऐसे में किसी ड्रग की वजह से ही किडनी फेल होने की आशंका ज्यादा नजर आती है. बायोप्सी रिपोर्ट भी इसी तरफ इशारा कर रही है.

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