Regional Industry Conclave Sagar: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने 27 सितम्बर को सागर (Sagar) में आयोजित होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (Regional Industry Conclave) को लेकर बैठक की, इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की नीति है कि स्थानीय स्तर पर लोगों को अधिकाधिक संख्या में रोजगार (Employment) मिले. इसके लिए उद्योगों के विकास और निवेश प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार उद्योगपतियों की पूरी मदद करेगी. लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे. सागर संभाग के प्रमुख क्षेत्रीय उद्योगों जैसे पीतल, अगरबत्ती, फूड इंडस्ट्रीज, टूरिज्म, बीड़ी और फर्नीचर के उद्योग को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं. हमारा प्रयास है कि उद्योगपतियों का व्यवसाय दोगुना हो जाए. सागर में होने वाले कॉन्क्लेव में पांच देशों, मंगोलिया के राजदूत गैनबोल्ड दंबजाव और थाईलैंड के महावाणिज्यदूत डोनाविट पूलसावत सहित ईरान, केन्या, अल्जीरिया आदि के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
"एक जिला-एक उत्पाद" पर विशेष ध्यान दें: सीएम मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि "एक जिला-एक उत्पाद" के अंतर्गत क्षेत्र के उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया जाए. मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स और कमिश्नर्स को निर्देशित किया कि कॉन्क्लेव की व्यवस्थाओं में अड़चने नहीं रहें. उन्होंने सभी जिलों में उद्योग विस्तार एवं निवेश संभावनाओं के संबंध में जानकारी ली. खिलौने, मिल्क प्रोडक्ट, आटा मिल, राइस मिल आदि स्थापित करने की संभावनाओं पर होमवर्क कर काम शुरु किया जाए. स्व-सहायता समूहों को जोड़कर काम करें. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे सागर में 27 सितम्बर को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होंगे.
ये सुझाव मिले
बैठक में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों ने अपने-अपने जिले में उद्योग एवं निवेश की संभावनाओं के संबंध में सुझाव दिए. विधायक शैलेन्द्र जैन ने सुझाव रखा कि अगरबत्ती उद्योग के लिए बाहर से बांस लाने पर अगरबत्ती की कीमत बढ़ जाती है, अत: प्रयास किया जाए कि गुणवत्तापूर्ण बांस का स्थानीय स्तर पर उत्पादन हो. उन्होंने बताया कि नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित होने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है. इस क्षेत्र के आस-पास पर्यटकों के लिए आवास और भोजन की उचित व्यवस्था किए जाने के सुझाव दिए. पन्ना जिले से विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बफर जोन घोषित होने से यहां की कई माइंस बफर जोन में चली गई हैं. माइंस को लेकर कुछ क्षेत्र को चिन्हित कराने का सुझाव दिया गया.
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