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रतलाम में नहीं चली दबंगई ! पुलिस सुरक्षा में निकली दलित दुल्हन की 'बिंदौली',रास्ता रोकने वाले 5 पर FIR

Ratlam News: रतलाम के लखमा खेड़ी गांव में पुलिस सुरक्षा में दलित दुल्हन की बिंदौली निकाली गई, जहाँ कुछ दबंग लोगों ने रास्ता रोककर जातिसूचक गालियाँ दीं. इस गंभीर मामले में पुलिस ने पाँच नामजद सहित कई अज्ञात आरोपियों के खिलाफ SC-ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।

रतलाम में नहीं चली दबंगई ! पुलिस सुरक्षा में निकली दलित दुल्हन की 'बिंदौली',रास्ता रोकने वाले 5 पर FIR

Ratlam Bride Bindauli: रतलाम जिले के लखमा खेड़ी गांव में सोमवार देर शाम उस समय ज़बरदस्त तनाव की स्थिति बन गई, जब दलित समाज की दुल्हन की बिंदौली को कुछ दबंग लोगों ने गांव में निकलने से रोक दिया. चूंकि यह घटना सीधे तौर पर सामाजिक सद्भाव को चुनौती देने वाली थी, सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और सुरक्षा घेरा बनाकर दुल्हन की बिंदौली को पूरे गांव में निकलवाया. इस मामले में पुलिस ने 5 नामजद सहित कई अज्ञात लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट सहित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है. 

क्या हुआ था पूरा मामला, क्यों रोका रास्ता

दरअसल, लखमा खेड़ी निवासी सुरेश कटारिया की बड़ी बेटी रितु की शादी 26 नवंबर को होने वाली थी,सोमवार रात शादी की रस्म के तहत परंपरागत बिंदौली निकाली जा रही थी. इसी दौरान रात करीब 9.30 बजे जैसे ही बिंदौली गांव के बापूसिंह के घर के सामने पहुंची, तभी बापूसिंह और बद्रीसिंह बाहर आ गए और बिंदौली को रोकते हुए कहा-इधर से बिंदौली नहीं निकलेगी. इसी दौरान कुशाल सिंह, कुलदीप सिंह, गोविंद सिंह भाणेज और अन्य लोग भी मौके पर आ गए.आरोप है कि इन लोगों ने भी दलित परिवार को अपमानित करने के इरादे से गाली गलौच की और जातिसूचक शब्द बोले,जिसके बाद माहौल काफी बिगड़ गया. 

क्या होती है बिंदौली/बिंदौरी रस्म

अब ये भी जान लीजिए कि बिंदौली या बिंदौरी की रस्म क्या है?  उत्तरी और मध्य भारत में विवाह समारोहों का एक महत्वपूर्ण और परंपरागत हिस्सा है. इस रस्म में शादी से एक या दो दिन पहले दूल्हे या दुल्हन को घोड़ी या बग्घी पर बैठाकर, गाजे-बाजे के साथ, परिवार और रिश्तेदारों के साथ पूरे गांव या मोहल्ले में घुमाया जाता है. यह रस्म परिवार की खुशी और प्रतिष्ठा का सार्वजनिक प्रदर्शन होती है और इसे समाज में सम्मान का प्रतीक माना जाता है, इस रस्म को रोकने का प्रयास सीधे तौर पर दलित समाज के अधिकारों और सम्मान पर हमला माना जाता है. 

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और केस दर्ज

बाद में पुलिस को मामले की जानकारी दी गई. जिसके बाद बड़ावदा थाना प्रभारी स्वराज डाबी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. विरोध के बावजूद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सुरक्षा प्रदान की और दलित दुल्हन की बिंदौली को गांव में सकुशल सम्पन्न कराया. दुल्हन के पिता सुरेश कटारिया की शिकायत पर पुलिस ने बापूसिंह, बद्रीसिंह, कुशाल सिंह, कुलदीप सिंह, गोविंद सिंह भाणेज सहित अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 176 (पुरानी IPC की धारा 188 से संबंधित) व एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज किया गया है, सभी आरोपी लखमा खेड़ी गांव के ही निवासी हैं. रतलाम के एसपी अमित कुमार ने भी घटना की पुष्टि करते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया है. 

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