Tansen Samman Samaroh : पं राजा काले और पं तरुण भट्टाचार्य को राष्ट्रीय तानसेन सम्मान देने का ऐलान

Tansen Samaroh: राष्ट्रीय तानसेन सम्मान वर्ष 1980 से प्रदान किया जा रहा है. अब तक 55 कलासर्जकों को ये सम्मान प्रदाय किया जा चुका है. वर्ष 2023 का सम्मान पंडित स्वपन चौधरी, कोलकाता तबला वादक) को प्राप्त हुआ था. राष्ट्रीय राजा मानिसंह तोमर सम्मान वर्ष 2011 से प्रदान किए जा रहे हैं, अब तक 13 संस्थाओं को ये सम्मान दिया जा चुका है. वर्ष 2023 का सम्मान सानंद न्यास, इंदौर को प्रदान किया गया था.

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Tansen Samman Samaroh : पं राजा काले और पं तरुण भट्टाचार्य को राष्ट्रीय तानसेन सम्मान देने का ऐलान

Tansen Samman Samaroh:  संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने तानसेन अवॉर्ड का ऐलान करते हुए बताया कि राष्ट्रीय तानसेन सम्मान वर्ष 2024 के लिए पं राजा काले, मुम्‍बई तथा वर्ष 2025 के लिए पं तरुण भट्टाचार्य, कोलकाता को प्रदान किया जाएगा. इसी तरह राष्‍ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्‍मान वर्ष 2024 के लिए साधना परमार्थिक संस्‍थान समिति, खरगोन एवं वर्ष 2025 के लिए रागायन, ग्‍वालियर को प्रदान किया जाएगा. यह सम्मान 15-19 दिसंबर, 2025 तक ग्वालियर में आयोजित तानसेन समारोह के 101वें संस्करण में प्रदान किए जाएंगे.

सम्मान में क्या कुछ मिलता है?

संस्‍कृति विभाग द्वारा हर साल हिन्‍दुस्‍तानी शास्‍त्रीय संगीत के क्षेत्र में राष्‍ट्रीय तानसेन सम्‍मान एवं संगीत, संस्‍कृति एवं कला के संरक्षण में कार्य करने वाली संस्‍था को राष्‍ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्‍मान प्रदान किया जाता है. सम्‍मानित कलाकार एवं संस्‍था को 5 लाख की सम्‍मान राशि एवं सम्‍मान पट्टिका भेंट की जाती है.

राष्ट्रीय तानसेन सम्मान वर्ष-1980 से प्रदान किया जा रहा है. अब तक 55 कलासर्जकों को ये सम्मान प्रदाय किया जा चुका है. वर्ष 2023 का सम्मान पंडित स्वपन चौधरी, कोलकाता तबला वादक) को प्राप्त हुआ था. राष्ट्रीय राजा मानिसंह तोमर सम्मान वर्ष 2011 से प्रदान किए जा रहे हैं, अब तक 13 संस्थाओं को ये सम्मान दिया जा चुका है. वर्ष 2023 का सम्मान सानंद न्यास, इंदौर को प्रदान किया गया था.

संगीत शिरोमणि तानसेन की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा सन् 1980 में राष्ट्रीय तानसेन सम्मान की स्थापना की गई. वर्ष 1985 तक इस सम्मान की राशि पाँच हजार रूपये थी. वर्ष 1986 में इसे बढ़ाकर पचास हजार रूपये कर दिया गया और वर्ष 1990 से इस सम्मान के अन्तर्गत एक लाख रूपये तथा प्रशस्ति पट्टिका भेंट की जाती रही. अब पुरस्कार राशि बढ़ाकर दो लाख रूपये कर दी गई है.

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