Pune Car Crash : पुणे पुलिस पहुंची जबलपुर, अश्वनी के परिजनों को दिया इंसाफ का भरोसा

Pune Road Accident: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे में पोर्शे (Pune Car Crash) कार सड़क दुर्घटना में नया मोड़ आ गया है. पुणे में कार दुर्घटना में मारे गये दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों में से एक मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) की रहने वाली थी.

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Pune Road Accident: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे में पोर्शे (Pune Car Crash) कार सड़क दुर्घटना में नया मोड़ आ गया है. पुणे में कार दुर्घटना में मारे गये दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों में से एक मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) की रहने वाली थी. जहां इस हादसे ने जबलपुर की अश्वनी कोष्टा की दर्दनाक तरीके से जान ले ली थी. अब इस मामले में पुणे की पुलिस मध्य प्रदेश के जबलपुर में पहुंची है. पुणे पुलिस के ACP मनोज पाटिल की अगुवाई में टीम आई है. यहां पहुंच कर पुलिस ने हादसे में जान गंवाने वाली जबलपुर की बेटी और सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी कोष्टा के परिजनों से मुलाकात की. पुणे पुलिस की टीम ने परिजनों से मिलकर हादसे पर दुख भी जताया. पुणे पुलिस ने कोष्टा परिवार को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया है. पुणे साथ ही पुलिस ने आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए जाने का आश्वास दिया है.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी अश्वनी

पुणे में हुए बहुचर्चित हिट एंड रन केस में जबलपुर की युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दर्दनाक मौत हो गई. पुणे के कल्याणी नगर में हुए इस हादसे में जबलपुर के शक्ति नगर से लगे साकार हिल्स में रहने वाली 25 साल की अश्वनी कोष्टा ने हादसे के तुरंत बाद मौके पर ही दम तोड़ दिया. अश्विनी के शव को सोमवार की शाम पुणे से जबलपुर लाया गया. परिवार में सबसे छोटी होने के कारण अश्वनी को सभी लोग प्यार से आशी कह कर बुलाया करते थे. सड़क हादसे में आशी की दर्दनाक मौत की जैसे ही खबर आई परिवार में मातम छा गया.

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आरोपी को रिहा करने के खिलाफ आक्रोश

बता दें कि पोर्शे कंपनी की करीब 2 करोड़ की कार एक नाबालिग चला रहा था, जो पुणे के एक बड़े बिल्डर का बेटा है. हादसे के तुरंत बाद नाबालिग आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड ने चंद घंटे में ही जमानत दे दी. जिन शर्तों पर किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दी है उससे मृतक के परिवार वाले भी हैरत में हैं और वे इसके खिलाफ आक्रोश भी जता रहे हैं. अश्विनी कोष्टा उर्फ आशी के परिवार वालों का कहना है कि आशी को इंसाफ दिलाने के लिए वे हर स्तर की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. आशी का शव सोमवार की शाम को पुणे से जैसे ही उसके घर पहुंचा तो परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल था और आसपास के लोग भी आशी को आखिरी बार देखने के लिए जमा होने लगे.

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