राष्ट्रपति मुर्मू ने राफेल में भरी उड़ान, अंबाला के आसमान में देश की 'सुप्रीम' कमांडर

राष्ट्रपति की यह उड़ान ऐसे समय में हुई है जब भारत और फ्रांस के बीच नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन विमानों की डील को मंजूरी मिल चुकी है. इनमें 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर जेट शामिल होंगे. यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी के बाद हुआ है.

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President Draupadi Murmu in a Rafale: राष्ट्रपति मुर्मू ने राफेल में भरी उड़ान, अंबाला के आसमान में देश की 'सुप्रीम' कमांडर

President Draupadi Murmu Rafel: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल विमान में उड़ान भरी. इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अंबाला वायुसेना स्टेशन पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने के लिए अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचीं हैं. राष्ट्रपति ने हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पर भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया. देश की सर्वोच्च संवैधानिक पदाधिकारी और तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर के रूप में यह उनका दूसरा अनुभव है. इससे पहले अप्रैल 2023 में उन्होंने असम के तेजपुर एयरबेस पर सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी.

क्यों अहम है ये उड़ान?

राष्ट्रपति की यह उड़ान ऐसे समय में हुई है जब भारत और फ्रांस के बीच नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन विमानों की डील को मंजूरी मिल चुकी है. इनमें 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर जेट शामिल होंगे. यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी के बाद हुआ है.

भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान में राष्ट्रपति की उड़ान का यह अनुभव भारतीय वायुसेना की आधुनिकता, क्षमता और आत्मनिर्भर भारत के रक्षा प्रयासों का प्रतीक माना जा रहा है. अंबाला वायुसेना स्टेशन, राफेल स्क्वाड्रन की तैनाती का प्रमुख केंद्र है और इसे भारत की हवाई सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार माना जाता है.
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भारत और फ्रांस के बीच राफेल मरीन लड़ाकू विमानों का सौदा भी हो चुका है. राफेल मरीन विमानों की खरीद के लिए यह सरकार-से-सरकार की डील है. इस डील के तहत फ्रांस द्वारा भारतीय नौसेना को मरीन (एम) श्रेणी के 26 राफेल विमानों की आपूर्ति की जाएगी.

तय सौदे के मुताबिक, भारतीय नौसेना को फ्रांस द्वारा 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की डिलीवरी दी जाएगी. इनमें से 22 फाइटर जेट सिंगल-सीटर होंगे. वहीं, नौसेना को चार ट्विन-सीटर वेरिएंट के ट्रेनिंग राफेल विमानों की डिलीवरी भी की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी. सीसीएस से मिली इस मंजूरी के बाद यह डील हुई.

दसाॅ ने बनाया है राफेल

राफेल लड़ाकू विमान फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित है और सितंबर 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ. अंबाला एयरबेस राफेल स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज' का मुख्य केंद्र है. इन विमानों ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले कर अपनी ताकत साबित की थी.

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