Panna : खून की कमी से हो रही मौत, 42 दिन के अंदर 27 प्रसूताओं ने तोड़ा दम, आंकड़ें क्या कहते हैं?

Panna News: मध्यप्रदेश के पन्ना (Panna) जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अनियमितताओं का मामला कम होने का नाम नहीं ले रहा है. नसबंदी के बाद महिलाओं को फर्श पर लिटाने के मामले के बाद अब खून की कमी से गर्भवती महिलाओं की हुई मौत के आंकड़ों ने चौंका दिया है.

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MP News : मध्य प्रदेश के पन्ना (Panna) जिले में मातृ मृत्यु दर की समीक्षा रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. जिसमें पन्ना में 8 महीने में 32 गर्भवती महिलाओं की खून की कमी के कारण मौत हो गई है. इस रिपोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के तमाम जागरूकता कार्यक्रमों की पोल खोल दी है. जिले में मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने अनेक अभियान और योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इसका असर धरातल पर नहीं दिख रहा है. खून की कमी की वजह से गर्भवती महिलाओं की मौत हो रही है. इस बारे विभाग अब भी गंभीर नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक़ डिलीवरी होने के बाद 42 दिन के अंदर 27 प्रसूताओं ने दम तोड़ दिया है. 

एक हजार महिलाओं में खून कमी

स्वास्थ्य विभाग (Health Department Report) की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिले की 1000  महिलाओं में खून की कमी बनी हुई है. इनमें से अधिकांश महिलायें ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली हैं. जिन गर्भवती महिलाओं की मौत हुई है उनमें कई महिलाओं में खून की कमी वजह थी. बता दें कि मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं. लेकिन जिले में मृत्यु दर का मामला कम होने का नाम नहीं ले रहा है. यह खुद स्वास्थ्य विभाग के लिए सिर दर्द बन गया है.  

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इसलिए हो रही मौत 

पन्ना जिले के स्त्री रोग विशेषज्ञ नीलम पटेल ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान बेहतर खानपान और देखभाल के अभाव के कारण महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी बनी हुई है, प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्त्राव होने से हालत नाजुक हुई और मौत हो गई. जिला चिकित्सा अधिकारी वी इस उपाध्याय ने बताया कि अधिकांश ग्रामीण महिलाओं में खून की कमीं बनी हुई है. जिसका मुख्य कारण खान-पान और प्रॉपर मेडिसिन ना लेना है. इसकी वजह से एनीमिया का शिकार रही हैं. जागरूकता लेकर मौत के आंकड़े कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

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