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This Article is From Apr 08, 2024

'10 सालों में नहीं मिली सफलता तो ले लीजिए एक ब्रेक', प्रशांत किशोर की राहुल गांधी को सलाह

Lok Sabha Election 2024: प्रशांत किशोर ने कहा, 'अगर आप यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में नहीं जीते तो वायनाड से जीतने से कोई फायदा नहीं होगा. अमेठी से चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय गलत साबित होगा, इससे गलत संदेश जाएगा.

'10 सालों में नहीं मिली सफलता तो ले लीजिए एक ब्रेक', प्रशांत किशोर की राहुल गांधी को सलाह
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राहुल गांधी को सलाह.

Prashant Kishor advice to Rahul Gandhi: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है. एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में लौटने की बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्ष भी एकजूट होकर कड़ी टक्कर देने की कोशिश में लगी हुई है. इस बार भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए विपक्ष ने इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A) बनाया है, जिसमें कई छोटे और बड़े दल एक साथ आए हैं, लेकिन अब तक पीएम के चेहरे को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. 

प्रशांत की सलाह-10 सालों में नहीं मिली सफलता तो ले लीजिए एक ब्रेक

हालांकि इस बीच जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस (Congress) को सुझाव दिया है. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को सुझाव देते हुए कहा, 'यदि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते हैं तो राहुल गांधी को अपने कदम पीछे खींचने पर विचार करना चाहिए.'

जब आप एक ही काम पिछले 10 वर्ष से कर रहे हैं और सफलता नहीं मिल रही है तो एक ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है. आपको चाहिए कि पांच साल तक ये जिम्मेदारी किसी और को सौंप दें. आपकी मां ने ऐसा किया है.
 

प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

प्रशांत ने ‘PTI' के साथ बातचीत में कहा, 'राहुल गांधी सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए अपनी पार्टी चला रहे हैं और पिछले 10 वर्ष में अपेक्षित परिणाम नहीं देने के बावजूद वह न तो रास्ते से हट रहे हैं और न ही किसी और को आगे आने दे रहे हैं.'

यूपी, बिहार और MP में नहीं जीते तो वायनाड से जीतने से कोई फायदा नहीं 

प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा, 'जिस तरह से राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के लिए मेघालय और मणिपुर जैसे राज्यों को चुना वो गलत राजनीति का सबसे बड़ा उदाहरण है.' उन्होंने कहा, 'आपकी लड़ाई उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में है, लेकिन आप मणिपुर और मेघालय का दौरा कर रहे हैं. ऐसे में आपको सफलता कैसे मिलेगी? अगर आप यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में नहीं जीते तो वायनाड से जीतने से कोई फायदा नहीं होगा. अमेठी चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय गलत साबित होगा, इससे गलत संदेश जाएगा.

राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया ने भी बनाई थी राजनीति से दूरी

उन्होंने आगे कहा, 'मेरे अनुसार यह भी अलोकतांत्रिक है. उन्होंने विपक्षी पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए एक योजना तैयार की थी, लेकिन उनकी रणनीति के क्रियान्वयन पर उनके और कांग्रेस नेतृत्व के बीच मतभेदों के चलते वह अलग हो गए थे.' प्रशांत किशोर ने कहा, 'तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी भी राजनीति से दूरी बनाई और 1991 में पीवी नरसिंह राव को कार्यभार सौंपा.

किशोर ने कहा, ‘जब आप एक ही काम पिछले 10 वर्ष से कर रहे हैं और सफलता नहीं मिल रही है तो एक ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है... आपको चाहिए कि पांच साल तक यह जिम्मेदारी किसी और को सौंप दें. आपकी मां ने भी ऐसा ही किया था.'

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