राहुल गांधी की यात्रा पर प्रहलाद पटेल ने कसा तंज, कहा-भारत जोड़ो न्याय यात्रा दिशाहीन

Jabalpur News: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल की यात्रा दिशाहीन है.

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Prahlad Patel Reaction on Rahul Gandhi: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल (Prahlad Patel) शुक्रवार को जबलपुर (Jabalpur) के दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) पर तंज कसते हुए जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो न्याय यात्रा दिशाहीन है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव और बीजेपी प्रत्याशियों की पहली लिस्ट पर पटेल ने कहा कि चुनाव तो होना ही है, भारतीय जनता पार्टी हर चीज में आगे है. बता दें कि मंत्री प्रहलाद पटेल जबलपुर में ज्ञान यज्ञ समारोह में शामिल होने आए थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी और भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निशाना साधा.

मंत्री प्रहलाद पटेल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष हो और उनकी समझ आम गरीब आदमी जैसी हो. उन्होंने कहा कि विपक्ष को सीखने के लिए प्रधानमंत्री के काम पर्याप्त हैं. राहुल बाबा से हम कहेंगे कि मध्य प्रदेश की धरती पर वह पैदल निकलेंगे, उसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है. हम तो खुद भी पैदल यात्री हैं.

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खुद के चुनाव लड़ने पर बोले प्रहलाद पटेल

मीडिया से बातचीत के दौरान इस बार के लोकसभा चुनाव में फिर से लड़ने की इच्छा पर प्रहलाद पटेल ने कहा कि पार्टी की लिस्ट का सभी को इंतजार करना पड़ेगा. बता दें कि प्रहलाद पटेल जबलपुर में ज्ञान यज्ञ समारोह में शामिल होने के लिए आए थे. इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राज्यसभा के सांसद उमेश दास जी महाराज थे. इस पर प्रहलाद पटेल ने कहा कि ज्ञान यज्ञ में मुझे उपस्थित होने का मौका मिला, बाल योगी पूज्य उमेश दास जी महाराज जिन्होंने अपना पूरा जीवन भारतीय संस्कृति के लिए लगाया, मैं इस बात पर भी गौरवान्वित हूं कि भारत के उच्च सदन में उनको पहुंचाया गया.

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राज्यसभा सांसद का किया धन्यवाद

उन्होंने कहा, "मैं विश्वास करता हूं कि महर्षि वाल्मीकि जी ने जिस दौर में यह साबित किया था कि उनके द्वारा किया गया कार्य, उनके ज्ञान की शिक्षा उस समय सामान्य स्वीकार थी और शताब्दियों से हम उसका अनुसरण करते आ रहे हैं. इसका मतलब है कि स्वयं महर्षि वाल्मीकि एक ब्रह्मास्त्र थे, जो छुआछूत और रूढ़ियां आज समाज में व्याप्त हैं वह उस समय समाज में नहीं थी. यह उसका उदाहरण है. इसी के पदचिन्हों पर उमेश नाथ जी महाराज चल रहे हैं. मैं जबलपुर की धरती पर उनका अभिनंदन भी करता हूं और स्वागत भी करता हूं."

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