Maihar News: ₹50 बजट ₹15 का सामान; गर्भवती महिलाओं के साथ खिलवाड़, कैसे होगा सुरक्षित मातृत्व अभियान

Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan: मैहर जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में भारी गड़बड़ी और कमीशनखोरी की झलक दिख रही है. आरोप है कि ठेकेदार ने अधिकारियों से सांठ-गांठ कर करोड़ों रुपये की सरकारी योजना को कमाई का जरिया बना लिया है. इसका खामियाजा उन महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है जिनके लिए यह अभियान शुरू किया गया था.

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Maihar News: ₹50 बजट ₹15 का सामान; गर्भवती महिलाओं के साथ खिलवाड़, कैसे होगा सुरक्षित मातृत्व अभियान

Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है. इसके तहत हर माह की 9 और 25 तारीख को अस्पतालों में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को 50 रुपये मूल्य का पौष्टिक स्वल्पाहार उपलब्ध कराना अनिवार्य है. लेकिन मैहर जिले में इस योजना का क्रियान्वयन कागजों में ही सीमित रह गया है. इस योजना का ठेका मेसर्स शिवाय एसोसिएट सतना को दिया गया है. नियम के मुताबिक लाभार्थियों को दूध, फल, पोहा, ब्रेड-जैम, बिस्कुट जैसी पौष्टिक चीजें उपलब्ध कराई जानी चाहिएं. लेकिन हाल ही में हुए खुलासे ने इस योजना की जमीनी हकीकत उजागर कर दी. अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को सिर्फ 15 रुपये लागत की घटिया और गुणवत्ता विहीन सामग्री थमाई जा रही है.

Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में गड़बड़ी

क्या हैं आरोप?

मैहर जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में भारी गड़बड़ी और कमीशनखोरी की झलक दिख रही है. आरोप है कि ठेकेदार ने अधिकारियों से सांठ-गांठ कर करोड़ों रुपये की सरकारी योजना को कमाई का जरिया बना लिया है. इसका खामियाजा उन महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है जिनके लिए यह अभियान शुरू किया गया था.

मैहर सिविल अस्पताल में जब यह मामला सामने आया तो अस्पताल प्रभारी ने भी इस गड़बड़ी को स्वीकार किया. उन्होंने साफ कहा कि गर्भवती महिलाओं को दिया जा रहा स्वल्पाहार गुणवत्ता विहीन है. इस स्थिति ने न केवल मरीजों के स्वास्थ्य पर खतरा खड़ा कर दिया है बल्कि सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर भी सवाल उठा दिए हैं.

मैहर जिले के अन्य अस्पतालों में भी हालात लगभग ऐसे ही हैं. लाभार्थी महिलाएं खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही हैं. गर्भवती महिलाओं का कहना है कि सरकार उनकी सेहत सुधारने के लिए योजनाएं बना रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा. यह पहली बार नहीं है जब किसी स्वास्थ्य संबंधी योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया हो. लेकिन मातृत्व सुरक्षा अभियान में इस तरह की लापरवाही बेहद गंभीर है, क्योंकि इसका सीधा असर दो जिंदगियों मां और शिशु पर पड़ता है.

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