प्रधानमंत्री आवास योजना: रिश्वत के मामले में छतरपुर कोर्ट ने रोजगार सहायक को सुनाई चार साल की सजा

MP News: विशेष लोक अभियोजक एडीपीओ के.के. गौतम ने पैरवी करते हुए सभी सबूत एवं गवाह कोर्ट में पेश किये एवं आरोपी को कठोर से कठोर सजा की मांग की. इस दौरान कहा गया कि ऐसे आरोपियो को सजा देते समय नरम रुख दिखाना कानून की मंशा के विपरीत है और भ्रष्टाचार के प्रति कठोर रुख अपनाया जाना समय की मांग है.

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Madhya Pradesh News: प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojna) की किस्त को लेकर मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक रोजगार सहायक ने योजना के लाभार्थी से 2 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसको लेकर छतरपुर में विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार जैन की अदालत ने आरोपी राधेश्याम साहू को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा-7 में चार वर्ष का सश्रम कारावास और 1500 रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है.

यह है मामला

अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 12 मई 2018 को फरियादी पप्पू अहिरवार के द्वारा आरोपी राधेश्याम गुप्ता रोजगार सहायक के खिलाफ लोकायुक्त कार्यालय सागर में इस संबंध में शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया गया था कि उसके नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृत हुआ था. जिसकी पहली किस्त 25 हजार रुपये का भुगतान आवेदक के बैंक खाते में किया जा चुका है. दूसरी किस्त जारी करने के बदले में ग्राम पंचायत महुटा का रोजगार सहायक राधेश्याम साहू उससे 2000 रुपये की रिश्वत मांग कर रहा था. फरियादी द्वारा प्रस्तुत शिकायत के सत्यापन हेतु उसे एक डिजिटल वॉयस रिकॉर्डर दिया गया, जिसमें फरियादी ने आरोपी से उसके घर पर मिलकर रिश्वत की मांग की थी. उस बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया गया था. रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर दिनांक 26 मई 2018 को ट्रैप दल लोकाुयक्त कार्यालय सागर से सहडेरा के पास पहुंची. यहीं पर फरियादी ने आरोपी से रिश्वत लेन-देन हो जाने का इशारा किया तो छापामार टीम द्वारा आरोपी को चारों ओर से घेर लिया गया और जब उससे पूछताछ हुई तो उसने कहा कि रिश्वत की राशि उसने अपने पास में रख ली है.

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लोकायुक्त टीम द्वारा आरोपी के हाथों को धुलाने पर हाथों का रंग गुलाबी हो गया था. आरोपी से रिश्वत की राशि 1000 रुपये जप्त की गई और पूरी जांच-पड़ताल के बाद आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया.

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक एडीपीओ के.के. गौतम ने पैरवी करते हुए सभी सबूत एवं गवाह कोर्ट में पेश किये एवं आरोपी को कठोर से कठोर सजा की मांग की. इस दौरान कहा गया कि ऐसे आरोपियो को सजा देते समय नरम रुख दिखाना कानून की मंशा के विपरीत है और भ्रष्टाचार के प्रति कठोर रुख अपनाया जाना समय की मांग है. न्यायालय ने कहा कि लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार किया जाना एक विकराल समस्या हो गई है. जो समाज को खोखला कर रही है एवं समाज की नींव को हिला रहा है. इसके बाद कोर्ट ने आरोपी रोजगार सहायक राधेश्याम गुप्ता को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में चार वर्ष का सश्रम कारावास व 1500 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई.

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