
मध्य प्रदेश: शिवपुरी जिले में वन विभाग ने मिट्टी खोदने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बाद मिट्टी के बर्तन बनाने वाले (कुम्हारों) परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. प्रभावित परिवारों ने इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर से मुलाकात की और कहा कि मिट्टी नहीं खोदने दी तो भूखे मर जाएंगे. उन्होंने अधिकारियों से मिट्टी खनन को लेकर इजाजत मांगी है.
दरअसल, मिट्टी से बर्तन बनाकर बेचने का काम करते हैं और इलाके में माधव नेशनल पार्क होने के चलते वन विभाग ने मिट्टी की खुदाई पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस वजह से इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. यही वजह रही कि इनको अपनी फरियाद लेकर जिला कलेक्टर के पास आना पड़ा. जिला कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए इन सभी मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों ने मांग रखी है कि उन्हें मिट्टी खोदने दी जाए.
मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगर मुन्ना प्रजापति ने कहा कि शहर के आसपास सिर्फ कब्रिस्तान के पास की मिट्टी ही है, जो मिट्टी के बर्तन बनाने के काम में आती है. लेकिन 2 महीने से वन विभाग ने हमें वहां से मिट्टी खोदने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. ऐसे में हमारे परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. हमारे बच्चे भूखे मरने की कगार पर आ गए हैं. हम यह सब काम अपने पूर्वजों के टाइम से करते आ रहे हैं और इसके अलावा हमें कुछ आता ही नहीं. अगर हमें मिट्टी खोदने नहीं दी गई तो हम बेरोजगार हो जाएंगे.
इधर, वन विभाग का कहना है कि मिट्टी को लगातार खोदे जाने की वजह से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है और इसी वजह से प्रतिबंध लगाया गया है. इस मामले को लेकर यह सैकड़ों लोग अब जब जिला कलेक्टर के पास पहुंचे हैं तो फिलहाल तो उन्होंने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया.
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