
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में पांच दिन पहले बाजना में एक बस में व्यापारी के 10 लाख रुपये चोरी होने का मामला अब पूरी तरह से उलट चुका है. पुलिस की जांच में सामने आया कि चोरी की यह वारदात एक साजिश थी, जिसे खुद फरियादी मुनीम ने अपने साथी के साथ मिलकर रचा था. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए 9 लाख 50 हजार रुपये बरामद कर लिए हैं और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

एसपी अमित कुमार ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 20 जून को कैलाश पिता बापूलाल नागर (40) निवासी ग्राम पानिया, जिला राजगढ़ की रिपोर्ट पर बाजना थाने में मामला दर्ज किया गया था. फरियादी ने दावा किया था कि वह पचोर के व्यापारी अनिल कुमार और सुनील कुमार गुप्ता के व्यापारिक भुगतान के 9 लाख 73 हजार रुपये लेकर बस से रतलाम जा रहा था.
इस दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति ने बस में उसके मुंह पर कोई रसायन फेंका, जिससे उसकी आंखों में जलन हुई और वह बेहोश हो गया. होश आने पर रुपयों से भरा बैग गायब था.
बयान बार-बार बदलने से खुला राज
एसपी अमित कुमार ने बताया कि जांच के दौरान कैलाश बार-बार अपने बयान बदल रहा था, जिससे पुलिस को शक हुआ. गहराई से पूछताछ और तकनीकी जांच के बाद पता चला कि पूरा घटनाक्रम एक साजिश थी. असल में मुनीम कैलाश ने अपने साथी मुकेश पिता राजेंद्र, उम्र 35 वर्ष, निवासी राजगढ़ के साथ मिलकर यह योजना बनाई थी.
बेहोश होने का किया नाटक
कैलाश ने बस में जानबूझकर बेहोश होने का नाटक किया और अपने साथी मुकेश को रुपयों से भरा बैग सौंप दिया. बाद में खुद को पीड़ित बताकर पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज कराई. मुनीम कैलाश पिछले 20 वर्षों से उक्त व्यापारियों के यहां कार्यरत था, इसीलिए किसी को उस पर शक नहीं हुआ.
9.50 लाख रुपये जब्त, दोनों गिरफ्तार
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 9 लाख 50 हजार रुपये बरामद कर लिए हैं. एसपी ने बताया कि मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है और आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा.
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