PM Modi Mann ki Baat 114th Episode: पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में एमपी के छतरपुर और आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले की स्व सहायता समूह में काम करने वाली महिलाओं की तारीफ की है. बता दें छतरपुर में फ्रूट फॉरेस्ट के अंतर्गत 2 हेक्टेयर जमीन पर लगभग 2300 पेड़ लगाकर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बदलाव का बड़ा संदेश दिया है. पीएम मोदी ने इस कार्य की प्रशंसा की है. वहीं, डिंडौरी जिले के रयपुरा गांव में शारदा स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मछली पालन के साथ जल संरक्षण की दिशा में बेहतर नवाचार प्रस्तुत करके अब देशभर में तारीफ बटोर रही हैं.
ड्रिप इरिगेशन का किया प्रयोग
नीति आयोग के डीसल्टिंग प्रोग्राम के अंतर्गत चंदेलकालीन तालाब की मिट्टी खोदकर मनरेगा योजना से संचालित कार्य में मिट्टी का प्रयोग वृक्षारोपण कार्य में किया गया. इस पूरे 2 हेक्टेयर जमीन पर महिलाएं इसकी देखरेख कर पेड़ों का ध्यान रखती हैं.इस फॉरेस्ट के लिए अटल भूजल योजना के अंतर्गत सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन का प्रयोग किया जा रहा है.
बंजर जमीन में तैयार कर दिया फ्रूट फॉरेस्ट
यह जमीन को प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराकर बंजर जमीन को हरे भरे फ्रूट फॉरेस्ट में तब्दील करने में 10 स्व सहायता समूह की महिलाओं ने एक मिसाल प्रस्तुत किया है. इस नवाचार में जिला प्रशासन छतरपुर, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत खौप के अधिकारियों ने समन्वय की भूमिका में रहें. अब हरी बगिया फ्रूट फॉरेस्ट देशभर में चर्चा में आ गया.
जानें समूह में कौन-कौन सी महिलाएं हैं शामिल
इस स्व सहायता समूह में अध्यक्ष कौशल्या रजक, सचिव पार्वती रजक, सदस्य फूला रजक, जानकी रजक, ममता रायकवार, हल्की बाई रजक, भगवती कुशवाहा, रचना कुशवाहा, रामदेवी रजक और कुसुम रजक हैं. इस फ्रूट फॉरेस्ट में फलदार पौधे और सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे माध्यमिक शाला के मध्यान्ह भोजन के लिए इनका प्रयोग किया जाता है. सब्जियों को बेचकर इनकी पारिवारिक आमदनी में वृद्धि हुई है.
NDTV के जरिए पीएम को महिलाओं ने दिया धन्यवाद
आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले की महिलाओं ने एक बार फिर जिले को गौरांवित किया है. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में डिंडौरी जिले के रयपुरा गांव में शारदा स्व सहायता समूह की महिलाओं के कामों का जिक्र किया है.पीएम मोदी की सराहना से समूह की महिलाओं में उत्साह है. महिलाओं ने NDTV के जरिए पीएम मोदी को धन्यवाद कहा है. दरअसल रयपुरा गांव की महिलाएं मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से स्व सहायता समूह बनाकर वर्ष 2014 से मछली पालन का व्यवसाय कर रही हैं.
अब दस से बारह हजार रुपये कमा रही महिलाएं
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आजीविका मिशन से ऐसे बदली तस्वीर
जानकारी के मुताबिक, आजीविका मिशन के सहयोग से स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गांव में मौजूद तालाब का जीर्णोद्धार कराया. तालाब को लीज में लेकर मछली पालन का व्यवसाय शुरू कर दिया. करीब दो साल पहले जिला प्रशासन ने मछली पालन का व्यवसाय कर रही समूह की महिलाओं को जिला मुख्यालय में दीदी स्मार्ट फिश पार्लर खुलवाया, जिससे उनकी आमदनी में इजाफा हुआ.
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