MP Budget : PCC चीफ जीतू पटवारी ने देवड़ा को "घटिया वित्त मंत्री" कहा, मंत्री प्रहलाद ने दिया करारा जवाब

MP News: मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आंकड़े दिखाते हुए कर्ज लेने और भ्रष्टाचार के आरोप भाजपा सरकार पर लगाए और मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री को घटिया वित्त मंत्री बोल दिया. इनके इस बयान के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी पलटवार किया है. आइए जानते हैं पूरा मामला आखिर क्या है? 

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश विधानसभा में बजट पेश होने ओर कैग की रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. विधानसभा सत्र खत्म होते ही कांग्रेस बजट को लेकर सरकार पर हमलावर है. सीएजी की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने कई मुद्दों पर सवाल उठाए हैं.प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कर्ज लेकर योजनाओं के चलने और कर्ज लेकर कर्ज चुकाने पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा पर तल्ख टिप्पणी कर दी. देवड़ा के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि कैग ने सरकार के वित्तीय प्रबंधन को घटिया प्रबंधन और कहा कि मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री घटिया वित्त मंत्री हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि यह मैं नहीं कहता कि रिपोर्ट कहती है.  

जगदीश देवड़ा के पैरों की धूल भी नहीं पटवारी

जीतू पटवारी के इस बयान के बाद सरकार की तरफ से पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने पलटवार करते हुए तल्ख लहेजे में कहा की मैं जीतू पटवारी को सलाह नहीं दूंगा. लेकिन पटवारी को यह राय जरुर दूंगा कि संसदीय भाषा का उपयोग करना सीखें. मैं इसलिए इस बात पर कोई जवाब नहीं देना चाहता क्योंकि उनके वरिष्ठ नेताओं का भी यही हाल है जो जीतू पटवारी का है.

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उन्होंने पटवारी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पटवारी तो जगदीश देवड़ा के पैरों की धूल भी नहीं है. जगदीश देवड़ा का विधानसभा का लंबा कार्यकाल है. एक दलित के बारे में ऐसी टिप्पणी करने का दुस्साहस करना जीतू पटवारी को बहुत महंगा पड़ेगा. 

बजट पर उठाए ये सवाल

बजट पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्ष 2022-23 में कई विभागों में किसानों के लिए 74496 करोड रुपए खर्च किए थे. मगर 2024-25 में इसमें 66605 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.आगे उन्होंने बताया दो साल पहले के बजट से भी 7891 करोड़ रुपए कम कर दिये गए वहीं शर्मनाक तरीके से किसान कर्ज माफी में सिर्फ 3000 रुपए का प्रावधान लगाया. जबकि कांग्रेस सरकार ने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था. लगभग 13 लाख किसानों की कर्जमाफी बाकी थी. वर्तमान बजट में देखा जाए तो किसानों के कर्ज माफी के प्रावधान में 0.002 रुपए का प्रावधान है.

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विकास या विश्वासघात ?

ग्रामीण विकास के साथ हो रहे विश्वासघात की बात करते हुए उन्होंने कहा कि  मोहन सरकार की प्राथमिकताओं में ग्रामीण विकास है ही नहीं. इसी के साथ उन्होनें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए बनाए 2024-25 के बजट पर भी सवाल उठाया. प्रदेश की पूंजीगत व्यय 15% की बढ़ोतरी के दावे पर सच्चाई इससे विपरित है. पूंजीगत व्यय 2023-24 में 67177.96 रही , उसे घटाकर भाजपा ने इस वर्ष 61633.49 करोड़ रुपये बजट में रखा है. 

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करों के बोझ तले दबाने की साजिश

जीतू पटवारी ने कहा कि जहां एक तरफ भाजपा सरकार बोल रही है कि बजट में कोई नया कर जनता पर नहीं रहेगा वहीं सरकार द्वारा एसजीएसटी में 32 हज़ार करोड़ रुपए से बढ़कर 40 हज़ार करोड़ रुपए की अनुभूति, अर्थात्‌ 25% की वृद्धि दिखाई गई. इसके अलावा राज्य सरकार जो वर्ष 2023-24 में 87545.12 करोड़ का कर जनता से वसूल रही थी वह वर्ष 2024-25 के बजट में 102096.51 करोड़ रुपए अनुमानित किया गया, यानी 17% की वृद्धि राज्य के अपने करों की बताई गई. इन आंकड़ों के साथ उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कैसे संभव है कि नई करों का बोझ जनता पर नहीं डाला जाएगा? 

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