Parrot Smuggling: धार में वन विभाग टीम का एक्शन; तोता तस्करी गिरोह का पर्दाफाश, यहां तक फैला था नेटवर्क

Parrot Smuggling: इस मामले में पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर सरदारपुर वन विभाग की टीम ने भोपाल जाकर जांच की, जहां से दो मुख्य आरोपी अब्दुल सईद (जहांगीराबाद) और रसीद उर्फ सरवर पोपटलाल को वन विभाग भोपाल की मदद से गिरफ्तार किया गया.

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Parrot Smuggling: धार में वन विभाग टीम का एक्शन; तोता तस्करी गिरोह का पर्दाफाश, यहां तक फैला था नेटवर्क

Parrot Smuggling: धार जिले के सरदारपुर वन विभाग की टीम ने अंतरराज्यीय तोता तस्करी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन राज्यों में फैले नेटवर्क को उजागर किया है. जिला वन अधिकारी विजयनाथम टीआर ने जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई 3 अक्टूबर की रात करीब 3 बजे इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर भोपावर चौकड़ी के पास की गई. इस दौरान एक यात्री बस से 135 जंगली तोते बरामद किए गए, जिनमें से 17 तोते मृत पाए गए थे. सभी तोतों को एक छोटे पिंजरे में ठूंस-ठूंसकर रखा गया था और अहमदाबाद की ओर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था.

आरोपियों से पूछताछ में हुआ खुलासा

इस मामले में पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर सरदारपुर वन विभाग की टीम ने भोपाल जाकर जांच की, जहां से दो मुख्य आरोपी अब्दुल सईद (जहांगीराबाद) और रसीद उर्फ सरवर पोपटलाल को वन विभाग भोपाल की मदद से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे विदिशा और रायसेन के जंगलों से तोते पकड़कर भोपाल टॉकीज क्षेत्र में छोटे पिंजरों में बंद कर बेचते थे. इन तोतों को बड़े व्यापारियों को ऊंचे दामों पर बेचा जाता था और बाद में इन्हें लंबी दूरी की बसों के गुप्त खानों में छिपाकर अन्य राज्यों में भेजा जाता था.

यहां तक फैला था नेटवर्क

इस तस्करी का जाल गुजरात के अहमदाबाद शहर तक फैला हुआ था. वन विभाग की टीम ने 9 अक्टूबर को अहमदाबाद में छापा मारकर एक और आरोपी कल्पेश पिता रोशनभाई को गिरफ्तार किया. पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह मोबाइल और व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए तोतों की तस्वीरें और वीडियो भेजकर अवैध सौदे करता था, और पैसों का लेनदेन UPI ट्रांजेक्शन से किया जाता था.

आरोपियों ने खुलासा किया कि दिल्ली, मिर्जापुर और अहमदाबाद के चकला मछली बाजार में विदेशी और जंगली पक्षियों की खुलेआम बिक्री होती है. इस कार्रवाई में डिप्टी रेंजर विक्रम सिंह निनामा और उनकी टीम — जोगड सिंह जमरा, अमन सिंह टैगोर, अनिल कटारे, रमेश मेडा, मनीष पवार, किशोर नागर, जुबेर खान और शंकर का विशेष योगदान रहा.

वन विभाग की इस कार्रवाई से कई बेजुबान तोतों को नया जीवन मिला है और एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है.

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